क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई भी मनरेगा में मजदूर, जॉब कार्ड सामने आते ही मची खलबली
क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और बहनोई भी मनरेगा के मजदूर हैं। दोनों का फोटो लगा जॉब कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल होते ही खलबली मच गई। जिला प्रशासन हरकत में आया तो प्रारंभिक जांच में जॉब कार्ड सही भी मिल गया है। यानी दोनों को मजदूर बताते हुए सरकारी रकम उड़ाई जाती रही।

अमरोहा में मनरेगा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन, बहनोई भी मनरेगा के मजदूर बनाए गए हैं। यही नहीं अन्य परिजनों के जॉब कार्ड बना दिए गए। सोशल मीडिया की सुर्खियों में आए पूरे प्रकरण के बाद जिला प्रशासन की शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। पूरे प्रकरण पर अब डीएम ने मनरेगा लोकपाल से रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं शमी के बड़े भाई मोहम्मद हसीब ने प्रकरण में मोहम्मद शमी के नाम को बेवजह गलत ढंग से जोड़ने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार जोया ब्लॉक के क्षेत्र के गांव पलौला में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन सबीना व बहनोई गजनबी का परिवार रहता है। बुधवार को सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के मुताबिक सबीना व गजनबी के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए थे। इसके आधार पर उन्हें मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा था। खुद सबीना की सास गांव की मौजूदा ग्राम प्रधान बताई गई हैं। आरोपों के बीच बुधवार को ही सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा ने बीडीओ जोया लोकचंद आनंद को मामले में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जांच में शिकायत सही पाई गई। जांच के दौरान क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई के साथ ही उनके परिवार के दो अन्य लोगों के जॉब कार्ड बना होने का खुलासा हुआ। इसके साथ ही जांच में सामने आया है कि 70-70 हजार रुपये की मजदूरी का भुगतान भी उनके खाते में किया जा चुका है। इस बाबत बीडीओ जोया ने पुष्टि करते हुए रिपोर्ट सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा को सौंपी है।
आला अफसर रिपोर्ट का अवलोकन करने के साथ ही मामले में कड़ी कार्रवाई किए जाने का दावा कर रहे हैं। उधर, मोहम्मद शमी का नाम प्रकरण में उछाले जाने पर उनके भाई मोहम्मद हसीब ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि शमी का इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में उनके नाम को बेवजह न साथ घसीटा जाए। इस बाबत जब हिन्दुस्तान टीम ने पलौला के ग्राम प्रधान से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।
देर रात तक रिकार्ड खंगालते रहे अफसर
हाई प्रोफाइल इस मामले के सामने आते ही आला अफसरों के होश भी उड़ गए। देर रात तक विकास भवन में इसको लेकर अफसर रिकार्ड खंगालते नजर आए। हालांकि कोई भी अधिकारी मामले को लेकर खुलकर कुछ भी बोलने से बचता नजर आया। माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के लिए संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। इसके अलावा दोषियों से मनरेगा योजना के तहत अर्जित की गई रकम वापस मांगी जा सकती है।
डीएम निधि गुप्ता के अनुसार क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन व उनके बहनोई का मनरेगा जॉब कार्ड बना होने की शिकायत जांच में सही मिली है। मनरेगा लोकपाल से पूरी जानकारी मांगी गई है। कब से कब तक मनरेगा से भुगतान किया गया, इसकी पूरी डिटेल रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। कई डाक्टर व इंजीनियर के मनरेगा जॉब कार्ड बने होने की भी बात कही जा रही है, पूरे मामले में जांच करते हुए रिकार्ड खंगाला जा रहा है।