बोले देवरिया : आधुनिकीकरण योजना शुरू हो, मानदेय मिले
Deoria News - Deoria News : मदरसों के छात्र समाज की मुख्यधारा में आएं, इसके लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 1998 में मदरसा आधुनिकीकरण योजना शुरू की थी। इसके लिए आधुनिक विष

देवरिया। जिले के 77 मदरसों में आधुनिक विषयों की पढ़ाई होती है। यहां 220 मदरसा शिक्षक कार्यरत हैं। इन्हें अब सरकार की तरफ से कोई मानदेय नहीं मिलता। मदरसा संचालक अपने पास से 3000 से लेकर 6000 तक इन्हें देते हैं। इस मामूली रकम से उनके परिवार का पेट भरना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि कुछ शिक्षकों ने मदरसा छोड़ दूसरी जगह पढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके चलते कई मदरसो में आधुनिक विषयों की पढ़ाई बाधित हो गई है, जिसका असर छात्रों पर पड़ रहा है।
मदरसा अंजुमन इस्लामिया, रामपुर कारखाना के सदर शाकिर अली उर्फ डल्लू कहते हैं कि मदरसा बोर्ड ने बेसिक शिक्षा की तर्ज पर कक्षा एक से 3 तक एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने का निर्देश जारी किया है। लेकिन इन विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षक ही मदरसे से नदारद हैं। इरफान उल्लाह उर्फ सज्जू कहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने मदरसा में आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए वर्ष 1998 में आधुनिकीकरण योजना शुरू की थी।
प्रत्येक मदरसे में गणित, विज्ञान और भाषा पढ़ाने के लिए तीन अध्यापकों को मानदेय पर रखा गया। शिक्षकों ने भी मनोयोग से पढ़ाना शुरू किया। अचानक से केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में आधुनिकीकरण योजना को बंद कर दिया। इसके चलते इन विषयों की पढ़ाई बाधित हो गई है।
जिकरुल्लाह मंसूरी कहते हैं कि योजना के बंद होने से दो साल तक तो आधुनिक शिक्षक गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विषय पढ़ाते रहे, लेकिन मानदेय नहीं मिलने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में कुछ आधुनिक शिक्षकों ने मदरसों में पढ़ाने का काम छोड़कर अब दूसरे जगह काम करने लग गए हैं।
आई मास के जिलाध्यक्ष एहसानुल्लाह सिद्दीकी कहते हैं कि आधुनिक शिक्षकों के अभाव में मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने के आदेश पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। जब आधुनिक विषय के शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो इन बच्चों को यह पाठ्यक्रम आखिर कौन पढ़ाएगा। जरूरत है कि सरकार पूर्व की योजना को लागू करते हुए आधुनिक विषयों के शिक्षकों के लिए मानदेय की व्यवस्था करे।
आधुनिक शिक्षकों को मिलता था 8 से 15 हजार रुपये मानदेय
मान्यता प्राप्त मदरसो में आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों को मानदेय पर रखा गया था। स्नातक डिग्री धारक शिक्षकों को आठ हजार और परास्नातक को 15 हजार रुपए मानदेय मिलता था। इसमें स्नातक डिग्री धारकों को भारत सरकार 6000 और प्रदेश सरकार 2000 रुपए देती थी, जबकि परास्नातक को केंद्र 12 हजार और प्रदेश सरकार 3000 रुपये दे थी। दोनों सरकारों से मिलने वाली इस मदद सेे मदरसों बच्चों को आधुनिक विषय की पढ़ाई होती थी। लेकिन वर्ष 2022 में केंद्र ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना बंद कर दिया। एक साल बाद 2023 में प्रदेश सरकार ने भी मानदेय बंद कर दिया। यही नहीं इन 220 शिक्षकों को वर्ष 2017 से 2022 के बीच का मानदेय भी आज तक नहीं मिला है। अब आधुनिक शिक्षक कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं।
शिकायतें
1. वर्ष 2022 में भारत सरकार द्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजना बंद करने से आधुनिक शिक्षकों पर संकट गहरा गया है।
2. आधुनिक शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने से इनका परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गया है।
3. आधुनिक विषयों की पढ़ाई पर संकट मंडराने से मदरसों में इन विषयों को पढ़ने वाले छात्रों की संख्या घटी।
4. राज्यांश बंद होने से कई मदरसे आर्थिक बदहाली की कगार पर हैं।
5. बजट के अभाव में आधुनिक विषयों की पढ़ाई कई जगह बंद हो चुकी है।
सुझाव
1. मदरसा आधुनिकीकरण योजना को भारत सरकार फिर से शुरू करे, जिससे आधुनिक शिक्षकों के आर्थिक हालात सुधर सकें।
2. मदरसों में कार्यरत आधुनिक शिक्षकों को केंद्र व राज्य सरकार पुन: मानदेय का भुगतान करें।
3. गैर अनुदानित मदरसों के लिए भी सरकार को बजट का प्रावधान करना चाहिए।
4. आधुनिक शिक्षकों के बकाए का भी सरकार भुगतान करे।
5. अन्य बोर्ड की तरह मदरसों के लिए भी सभी योजनाएं लागू की जाएं।
हमारी भी सुनिए
भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने मानदेय बंद करके आधुनिक मदरसा शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया है। बिना मानदेय के शिक्षण कार्य करना बहुत ही मुश्किल है।
जहांगीर आलम
मदरसा में एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने का फैसला बिल्कुल सही है। इससे मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे भी सीबीएसई व यूपी बोर्ड के बच्चों से प्रतियोगिता कर सकते हैं।
शाकिर अली
एनसीईआरटी सिलेबस की पढ़ाई कराने से मदरसा के बच्चे भी डॉक्टर इंजीनियर बनेंगे। सरकार को आधुनिक शिक्षकों का मानदेय भी शुरू करना चाहिए।
इरफानुल्लाह उर्फ सज्जू
मदरसा बोर्ड का निर्देश लागू करने में व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। बच्चों को एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई करनी चाहिए लेकिन सरकार ने इनका मानदेय बंद कर दिया है।
इजहार उल हक
हम भी मदरसा में पढ़ने वाले बच्चों को आधुनिक विषय की पढ़ाई कराना चाहते हैं, शिक्षकों का मानदेय शुरू कर दिया जाए तो एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने में दिक्कत नहीं है।
सफीउल्लाह
मैं मदरसा में वर्ष 1998 से सामाजिक विषय पढ़ा रहा हूं। भारत सरकार और प्रदेश सरकार के आधुनिकीकरण योजना बंद कर देने से आधुनिक शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं।
मोहम्मद जिकरुल्लाह
सरकार की मानदेय और योजना बंद कर देने से हमारे लिए मदरसे में पढ़ाना मुश्किल साबित हो रहा है। अब इस उम्र में हम लोग कहां जाएं और कहां रोजगार ढूंढ़ें, समझ में नहीं आ रहा है।
मोहम्मद सलीम अंसारी
यदि सरकार हमारा मानदेय फिर से शुरू कर दे तो एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई करना मुश्किल नहीं है। मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम के साथ मैं 5 वर्ष से गणित विषय पढ़ा रहा हूं।
अख्तर अली
मैं 10 वर्ष से मदरसे में विज्ञान पढ़ा रहा हूं। 3 वर्ष पहले योजना बंद कर देने से आधुनिक शिक्षक दोराहे पर हैं। इस उम्र में दूसरा कोई काम ढूंढ़ना बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा है।
मोहम्मद जुल्फिकार अंसारी
मदरसा में एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने के फैसले को लागू करने से पहले आधुनिक शिक्षकों का मानदेय और योजना शुरू करनी चाहिए।
मुख्तार अंसारी
मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई शुरू कराना एक अच्छी पहल है। लेकिन फैसले को लागू करने से पहले सरकार को शिक्षक उपलब्ध कराने चाहिए।
फखरुद्दीन
बिना मानदेय के हम शिक्षक पांच वर्ष से मदरसे में आधुनिक विषय पढ़ा रहे हैं। लेकिन अब हमारा हौसला धीरे-धीरे टूटने लगा है। सरकार को आधुनिक शिक्षकों का मानदेय शुरू करना चाहिए।
सुबहान अंसारी
सरकार आधुनिकीकरण योजना बंद कर रही है। बिना मानदेय के शिक्षक एनसीईआरटी सिलेबस की पढ़ाई कराने कैसे जाएंगे, यह सरकार को सोचना चाहिए।
मोहम्मद अहमद अली
मदरसा शिक्षकों को बिना मानदेय के एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने को कहना बिल्कुल गलत है। जब रोजी-रोटी चलेगी तभी कोई भी शिक्षक मदरसे में पढ़ाएगा।
मनउवर हुसैन
बोले पदाधिकारी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए आधुनिकीकरण योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत तीन अध्यापकों को मानदेय पर रखा गया था। तीनों अध्यापक आधुनिक विषय की पढ़ाई कराते थे। वर्ष 2022 में भारत सरकार और वर्ष 2023 में प्रदेश सरकार द्वारा योजना बंद कर दिए जाने से एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराना बहुत ही कठिन साबित हो रहा है। बिना मानदेय के आधुनिक शिक्षक मदरसे में आने से कतराने लगे हैं।
एहसानुल्लाह सिद्दीकी, जिलाध्यक्ष, आई मास
बोले जिम्मेदार
मदरसा शिक्षा परिषद ने सत्र 2025-26 में कक्षा एक से 3 तक एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई कराने का निर्देश दिया है। आधुनिकीकरण योजना शुरू या बंद करने का फैसला नीतिगत है। शासन से जैसा आदेश मिलेगा, किया जाएगा। मदरसा शिक्षकों की अन्य समस्याओं का हम अपने स्तर से यथासंभव निस्तारण कराते रहते हैं।
आशुतोष पांडेय, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, देवरिया
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