बोले मथुरा: क्रिकेट की तरह तलवारबाजी को भी तवज्जो दिलाओ सरकार
Etah News - मथुरा में तलवारबाजी के प्राइवेट संस्थान बहुत कम हैं। गणेशरा स्टेडियम में दो दर्जन बच्चे तलवारबाजी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। खिलाड़ियों ने शासन से खेल को बढ़ावा देने और रेलवे रिजर्वेशन में छूट फिर से शुरू...

मथुरा। जिले में तलवारबाजी के प्राइवेट संस्थान न के बराबर है। जिले के एकमात्र गणेशरा स्टेडियम में दो दर्जन से अधिक बच्चे तलवारबाजी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बैसे तो गणेश स्टेडियम में कई खेलों के कोच की कमी है। लेकिन तलवारबाजी के कोच फेंसिंग प्रशिक्षक पवन कुमार शर्मा गणेश स्टेडियम में तैनात हैं। जिनके द्वारा करीब दो दर्जन से अधिक तलवारबाजी सिखाने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। तलवारबाजी सीखने वाले खिलाड़ियों से बातचीत की गई तो उन्होंने हिन्दुस्तान के समक्ष तलवारबाजी से संबंधित कई बातों को साझा किया और शासन प्रशासन से भी इस खेल को और बढ़ावा देने की मांग की।
प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों ने बताया कि उनके सामने कई परेशानियां आती हैं। इस खेल के प्रसिद्ध ना होने के चलते इस खेल को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती है, जिसके कारण तलवारबाजी अन्य खेलों की तुलना में काफी पीछे है। शासन प्रशासन स्तर पर तलवारबाजी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों के लिए कोई भी योजना एवं कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती, जिससे कि इसके खिलाड़ी आगे बढ़ सकें और देश का नाम रोशन कर सकें। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों ने बताया कि पूर्व में तलवारबाजी के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रेलवे रिजर्वेशन में 75 प्रतिशत की छूट दी जाती थी लेकिन वर्तमान में रेलवे द्वारा उनको कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। सारी छूट बंद कर दी गई है। उन्होंने सरकार से रेलवे में रिजर्वेशन को शुरू किए जाने की मांग की। जिससे खिलाड़ियों को रिजर्वेशन टिकट करने में बाहर खेलने के लिए आसानी रहे। खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि मथुरा में कई बड़े समाजसेवी, संगठन, एनजीओ, जन प्रतिनिधि मौजूद हैं लेकिन उनके द्वारा किसी भी खेल को गोद नहीं लिया जाता है। खासकर ऐसे खेलों को जो पिछड़ते जा रहे हैं। खिलाड़ियों ने तलवारबाजी को भी गोद लेने की बात कही, जिससे खिलाड़ियों को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। खिलाड़ियों ने कहा कि तलवारबाजी को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार को खेल नर्सरी खोलनी चाहिए। नर्सरी में चयनित खिलाड़ियों के लिए प्रत्येक महीने कुछ ना कुछ आर्थिक सहायता होनी चाहिए। जिससे वह अपनी डायट का खर्चा वहन कर सकें। भारत सरकार ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत की है। जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। सरकार द्वारा खेलो इंडिया सेंटर भी खोले गए हैं। जिसमें राष्ट्रीय प्रतियोगिता के पदक विजेता खिलाड़ियों का चयन होता है। उनका पूरा रहने, खाने और पढ़ाने का खर्चा सरकार वहन करती है। लेकिन सरकार तलवारबाजी खेल की तरफ भी ध्यान दे तो इस खेल के जरिए भी खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर सकेंगे। सरकार द्वारा खेलो इंडिया सेंटर भी खोले गए हैं, जिसमें राष्ट्रीय प्रतियोगिता के पदक विजेता खिलाड़ियों का चयन होता है। उनका रहने, खाने और पढ़ाने का पूरा खर्चा सरकार वहन करती है। -प्रगति सरकार को तलवारबाजी खेल की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। इनके खिलाड़ियों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। जिससे इनके खिलाड़ी भी इस खेल में आगे बढ़ सकें। -जिज्ञाशा शर्मा खिलाड़ियों को रेलवे, रोडवेज आदि विभागों में सफर के दौरान सुविधा दी जानी चाहिए। जिससे वे आसानी से सफर कर सकें और आर्थिक बोझ न पड़े। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिये। -नरेंद्र शर्मा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में दिक्कत फीस व डायट से होती है। अगर सरकार कोई योजना या सुविधा प्रदान करे या समाजसेवी आगे आएँ तो तो खिलाड़ी तैयारी अच्छे से कर सकेगा। -सचिन गौतम पहले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रेलवे रिजर्वेशन में 75 प्रतिशत की छूट मिलती थी। अब सरकार द्वारा वह सारी छूट बंद कर दी गई है। जिससे खिलाड़ियों को बाहर खेलने जाने में आर्थिक भार सहन करना पड़ता है। -पवन शर्मा सरकार को पूर्व की भांति रेलवे में रिजर्वेशन को शुरू कर देना चाहिए। जिससे तलवारबाजी के सभी खिलाड़ियों को रिजर्वेशन टिकट करने में खेलने के लिए आसानी रहे। खिलाड़ियों को इससे काफी राहत मिलेगी। -हित प्रताप वर्तमान में मथुरा में काफी इंडस्ट्रीज हैं। मेरा मानना है प्रत्येक इंडस्ट्रीज को एक-एक खेल गोद लेना चाहिए। जिससे खिलाड़ियों को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े और वह आगे बढ़ सके। जिससे वह अपना व जिले का नाम रोशन कर सकें।-नरेश भारत सरकार ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत की है। जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। -दीपक जनपद में इतनी संस्थाएं, संगठन, एनजीओ के अलावा जनप्रतिनिधि भी हैं। लेकिन उनके द्वारा किसी भी खेल को गोद नहीं लिया जाता है। वे अगर खेलों को गोद लें तो अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिले। -लकी जादौन सभी का ध्यान केवल प्रमुख खेलों की तरफ जाता है। छोटे खेलों की तरफ कोई ध्यान नहीं देता और ना ही खिलाड़ियों को काई सुविधा का लाभ मिल पाता है। तलवारबाजी भी ऐसा ही खेल है। अगर उन्हें सुविधा मिले तो वह भी नाम रोशन कर सकते हैं। -कशिश जादौन भारत सरकार ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत की है। जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। -परिधि शर्मा जनपद में इतनी संस्थाएं, संगठन, एनजीओ, जनप्रतिनिधि होने के बावजूद भी खिलाड़ियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उनके द्वारा खेलों को गोद लिया जाना चाहिए। वे अगर गोद लें तो अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिले। -उमाशंकर
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