जलेसर के शोरा कारखानों में नाम पर बन रहा विस्फोटक पदार्थ!
Etah News - जलेसर में शोरा के नाम पर विस्फोटक पदार्थ का निर्माण हो रहा है। गुजरात की टीम ने पुष्टि की है कि यह पदार्थ जलेसर से भेजा जा रहा है। फैक्ट्रियों में प्रदूषण और पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है, लेकिन...

जलेसर में शोरा के नाम पर विस्फोटक पदार्थ बनाया जा रहा है। लंबे समय से यहां पर यहां धंधा चल रहा है। गुजरात से आई टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी कि यह विस्फोटक पदार्थ जलेसर से भेजा गया था। इससे पहले भी तमिलनाडु के शिवकाशी भेजे जाने के मामले आ चुके हैं। बड़े पैमाने पर यह काम होने के बाद भी जिला प्रशासन को भनक नहीं है। जलेसर में वर्षों से शोरा बनाने का काम किया जा रहा है। इन शोरा फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए कई बार प्रदर्शन भी चुके हैं। इसके बाद भी यह काम सुचारू रूप से चल रहा है। जानकारों की मानें तो फैक्ट्रियों में शोरा के नाम पर विस्फोटक पदार्थ बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की जाती रही है। अभी इस विस्फोटक पदार्थ के बारे में कोई कहता नहीं था लेकिन गुजरात की टीम के आने के बाद यह पुष्टि हो गई कि शोरा फैक्ट्रियों में कुछ न तो कुछ गड़बड मामला है। इन फैक्ट्रियों से ही जलेसर क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। चर्चा तो यह भी है कि इन्हीं फैक्ट्रियों के कारण इस क्षेत्र का पानी भी खारी हो रहा है। यह काम वर्षो से हो रहा है। जब कभी अधिकारियों की टीम यहां पर निरीक्षण के लिए पहुंचती तो काम रोक दिया जाता है, लेकिन फिर से काम शुरू कर दिया जाता है। जलेसर में दो दर्जन से अधिक इसके कारखाने बताए जा रहे है। सरकारी दस्तावेजों में यह सभी फैक्ट्रियां बंद बताई जा रही है।
ट्रकों में लोड होकर जाता माल
एटा। जलेसर से चलकर विस्फोटक पदार्थ ट्रक में लोड होकर गुजरात और तमिलनाडु के लिए जाता है। ट्रक जाते समय कहीं पर कोई हादसा हो गया तो न जाने कितने लोग इस विस्फोट के शिकार हो सकते हैं। गुजरात हो या शिवकाशी दोनों की दूरी इतनी है कि ट्रक को पहुंचने में तीन दिन से अधिक का समय लग जाता है। कहीं पर कोई इसकी जांच भी नहीं की जा रही है।
कारखानों में बन रहे सामान नहीं हुई जांच
एटा। जलेसर में चल रहे कारखानों में जो सामान बनाया जा रहा है उसकी जांच भी नहीं कराई जाती है। कारोबारियों का कहना है कि इसमें शोरा बनता है। यह किसी भी प्रकार से खतरनॉक नहीं है। न किसी को कोई नुकसान हो सकता है। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने इसे देखना उचित नहीं समझा।
कुछ दिन पहले ही जलेसर में चल रहे कारखानों का निरीक्षण किया था। इसमें जिला उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल थे। फिर से जांच किए जाने के लिए उनको पत्र भेजा जा रहा है। इन कारखानों में बन रहे सामान कोई विस्फोटक तो नहीं है। इसकी गहनता से जांच कराई जाएगी।
भावना विमल, एसडीएम जलेसर
जलेसर में जो फैक्ट्रिया बताई गई है वह पदूषण विभाग की रिपोर्ट में बंद आ रही हैं। इसमें 28 फैक्ट्री बताई गई हैं। हर महीने से वहां से रिपोर्ट आती है। उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाती है।
प्रेमकांत, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र एटा
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