काल्पनिक नाम से मस्टरोल तैयार कर निकाला पैसा
Etah News - अवागढ़ ब्लॉक में मनरेगा के कार्यों में भ्रष्टाचार की जांच की गई है। जांच में पाया गया कि कई अधिकारियों ने फर्जी मस्टरोल बनाकर मजदूरों के पैसे का हेरफेर किया। 2022-23 के दौरान किए गए विकास कार्यों में...

अवागढ़ ब्लॉक में तैनाती के समय प्रभारी डीपीआरओ ने गोलमाल किया। मनरेगा में मनमाने तरीके से भगुतान कर दिए। ब्लॉक क्षेत्र में मानक के अनुरूप काम कराए नहीं कराए। जीएसटी भी नहीं काटी गई। गुणवत्ता की भी कमी मिली है। शासन के निर्देशों के मुताबिक काम नहीं कराया गया। जांच के बाद ब्लॉक के जिम्मेदारों की जिम्मेदारियां तय कर उनसे पैसा वसूलने के लिए उच्चाधिकारियों के पास जांच रिपोर्ट भेजी गई है। अवागढ़ क्षेत्र में मनरेगा का कार्य कराया गया। मनरेगा के कार्य के लिए जो मस्टरोल बनाई गई। इसमें मजदूरों के जो नाम लिखे गए वह नाम काल्पनिक हैं। जांच में मिला है कि मस्टरोल निर्माता की ही राइटिंग में किए गए है।
जो अंगूठा लगाए गए है उन्हें भी प्रमाणित नहीं किया गया। ऑडिट टीम ने भेजी जांच रिपोर्ट में कहा है कि सभी नियमों की अनदेखी कर फर्जी एवं काल्पनिक मस्टरोल तैयार करके पत्रावली में संलग्न किए हैं। मजदूरों के रुपये का योजनाबद्ध तरीके से आहरण किया गया है। इसके लिए ब्लॉक प्रमुख गंगादेवी, बीडीओ उमाकांत मुदगल, बीडीओ मोहम्मद जाकिर, लेखाकार राजेश कुमार सिंह, अभव अभियंता, एडीओ गौरव कुमार, रिषी कुमार, कुलदीप कुमार और अजीत कुमार को सामूहिक रुप से उत्तरदायी माना गया है। इसमें 5097130 रुपये का काम किया गया था। ब्लॉक अवागढ़ क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में ब्लॉक की ओर से विकास कार्य कराए गए। इन विकास कार्यो में पूरी तरह से गड़बडी कर दी। ब्लॉक क्षेत्र में टाइल्स काम कराया गया था। इसके लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से मानक तय किए गए। टाइल्स की मोटाई 80 एमएम होनी चाहिए थी। जांच करने पहुंची टीम ने जब बिलों को देखा तो उसमें कहीं भी टाइल्स की गुणवत्ता को लेकर उल्लेख नहीं किया गया था। ऐसे में एक करोड़ 73 लाख 84 हजार 356 रूपये का अनिमित व्यय कर दिया। जब क्षेत्र पंचायत के जिम्मेदारों से पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब में कह दिया कि भविष्य में इसका ध्यान रखा जाएगा। शासन की ओर से निर्देश हैं कि एक लाख से अधिक के कार्य कराए जाने के लिए निविदाए आमंत्रित की जाएगी। क्षेत्र पंचायत अवागढ़ में वर्ष 2022-23 में 54 कार्य के लिए निविदाए आमंत्रित की गई थी। इसमें प्रत्येक कार्य के लिए तीन-तीन निविदाए प्राप्त हुई। प्रत्येक निविदा का मूल्य 500 रुपये निर्धारित था। इन निविदाओं की बिक्री नहीं की गई। नहीं जमा कराया सेस का पैसा अवागढ़ क्षेत्र पंचायत की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 30 कार्य कराए गए। इन कार्यों से सेस का पैसा नहीं काटा गया। इससे संबंधित फर्मो को लाभ पहुंचाया कर सरकार को राजस्व की क्षति हुई है। वहीं जीएसटी की भी कटौती नहीं की गई। काटे गए फर्मो से पैसा जमा नहीं कराया गया तो ब्लॉक के जिम्मेदारों से पैसा जमा कराए जाए। उस समय तैनात रहे खंड विकास अधिकारी उमाकांत मुदगल, मोहम्मद जाकिर तथा लेखाकार राजेश कुमार सिंह के नाम तय किए गए है। यह संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डा. नागेंद्र नारायण मिश्र, सीडीओ एटा वित्तीय वर्ष 2022-23 की ऑडिट ब्लॉक अवागढ़ की गई थी। इसमें काफी अनियमिताए मिली है। जांच प्रक्रिया के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के पास भेज दी गई है। सरकार को जो क्षति हुई है उसके बारे में रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। मनरेगा में अनिमिताएं मिली है। इसके लिए जिम्मेदारों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। सुनील कुमार, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी एटा
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