398 गांव की तीसरे दिन भी बहाल नहीं हो सकी बिजली आपूर्ति, गर्मी में मुसीबत बढ़ीं
Etah News - बुधवार रात आए तूफान ने जिले की बिजली व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। शुक्रवार तक 400 से अधिक गांव बिना बिजली के अंधेरे में रहे। जलापूर्ति में भी बाधा आई और ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को अस्पतालों में...

बुधवार रात आए भीषण तूफान ने जिले की बिजली व्यवस्था को बड़े पैमाने पर ध्वस्त कर दिया था, जिसके बाद से शुक्रवार तक भी बिजली आपूर्ति बहाली की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। जिले के सैकड़ों गांव तीसरे दिन भी बिजली के बिना अंधेरे में डूबे रहे। बीती बुधवार रात आए तूफान ने जिले के अंदर बिजली के पोल, तारों और ट्रांसफार्मरों को भारी नुकसान पहुंचाया। जगह-जगह 663 पोल उखड़ गए, तार टूटकर जमीन पर गिर गए और 43 ट्रांसफार्मर पोल सहित गिरने के साथ आकाशीय बिजली से खराब हो गए। इसका सीधा असर जिले की बिजली आपूर्ति पर पड़ा और कुछ ही घंटों में पूरा जिला अंधेरे में समा गया।
बीते दिन गुरुवार को दिन भर विद्युत वितरण निगम की टीमें युद्ध स्तर पर विद्युत मरम्मत कार्य में जुटी रहीं, लेकिन क्षति इतनी व्यापक हुई कि कुछ शहरी और कस्बा क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश ग्रामीण इलाकों में बिजली बहाल नहीं हो पाई। शुक्रवार को भी यही स्थिति बनी रही। बिजली निगम के अधिकारी लगातार दावा करते रहे कि बिजली मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही सभी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जलेसर, बागवाला, इसारा, रिजोर, मलावन क्षेत्र के 400 से अधिक गांव में शुक्रवार तक बिजली आूपर्ति नहीं हुई। एक रात और दो दिन बिजली बाधित रहने से जनजीवन पर पड़ा गहरा असर बुधवार रात से शुक्रवार तक जिले के 400 से अधिक गांव की बिजली शुचारू नहीं हो सकी। इससे सभी क्षेत्रों में जलापूर्ति बाधित बनी रही। ग्रामीण इलाकों में लोग पीने के पानी के तरसने के साथ भटक रहे। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में बिजली न आने के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर जनरेटर के भरोसे काम चलता रहा, लेकिन यह भी ज्यादा देर नहीं चल सके। जलेसर क्षेत्र में बिजली न आने से सभी प्रकार के उद्योग एवं व्यापार प्रभावित बने रहे। दुकानों में अंधेरा पसरा रहा। कंप्यूटर और इंटरनेट सेवाएं ठप रही। लोग मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए भी भटकते रहे। जिससे लोगो को संपर्क साधने में मुश्किलें उठानी पड़ी। सीमित संसाधनों में बिजली निगम के सामने चुनौती जिलेभर में बड़े पैमाने पर टूटे पोल एवं तारों के अलावा ट्रांसफार्मरों को पुन: स्थापित करने के लिए विद्युत वितरण निगम के पास संसाधनों की कमी है। इसके चलते निगम कर्मचारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं। सीमित संसाधनों में बड़े पैमाने पर हुए नुकसान की मरम्मत करना बिजली कर्मचारियों के समस्या पैदा कर रहा है। तीसरे दिन भी बिजली न आने के कारण स्थानीय लोगों में बिजली विभाग के प्रति आक्रोश और रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि विभाग को इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पहले से ही पुख्ता इंतजाम करके रखने चाहिए। हालांकि, बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि अगले 24 से 48 घंटों में अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। शुक्रवार तक ब्रेकडाउन रहे दो बिजलीघर, फाल्ट ढूढते रहे कर्मी शुक्रवार को विद्युत वितरण मंडल एटा अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि बुधवार रात को आए तूफान से जिले के सभी 40 बिजलीघरों की 11 एवं 33 केवी लाइनों के 700 से अधिक पोल डेमेज हुए थे, जिसके कारण अधिकांश फीडर और बिजलीघर ब्रेकडाउन हो गए थे। बीते दिन गुरुवार शाम तक 38 बिजलीघरों को चालू कर लिया गया था और उनके जिन फीडरों पर नुकसान कम हुआ, उन पर बिजली शुचारू कर दी गई। शुक्रवार तक इसारा और मलावन बिजलीघर चालू नहीं हो सके, दोनों बिजलीघरों की 400-400 मीटर भूमिगत 33 केवी मुख्य लाइन में फाल्ट नहीं मिल सके। फाल्ट को ढ़ूढ़ने में टीम जुटी हुई है। रिजोर, जलेसर एवं बागवाला बिजलीघर के अधिकांश गांव में अभी बिजली शुचारू नहीं हो सकी। टीमें लगातार काम कर रही है। संभवत: शनिवार तक जिले के सभी 398 गांव की बिजली बहाल हो जाएगी।
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