शहर में बंद रखने के लिए बनाए गए हैं ज्यादातर सार्वजनिक शौचालय
Etah News - एटा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए 60% सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय महीनों से बंद पड़े हैं। नगर पालिका द्वारा केयरटेकर न नियुक्त करने के कारण शौचालयों की सफाई नहीं हो रही है, जिससे स्थानीय लोग...

एटा। स्वचछ भारत मिशन के तहत शहर वासियों को 24 घंटे शौचालय की सेवा उपलब्ध कराने के लिए लाखों के बजट से बनाए गए सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों में से 60 फीसदी महीनों से बंद पड़े हैं। इनके बंद होने से साफ है कि या तो इन्हें संचालित करना नगर पालिका के बूते से बाहर है या फिर सभी शौचालय दिखावे के लिए बनाए गए हैं। स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी और मीरा गांधी के कार्यकाल में शहर के अंदर 05-05 सीटों वाले कुल 22 सार्वजनिक, सामुदायिक व पिंक शौचालय बनाए गए थे। यह सभी शौचालय मुख्य मार्गों, बाजारों, चौराहों, तिराहों, स्कूलों व पार्कों में कुल 86.24 लाख रुपये की लागत से बनाए गए थे।
वर्तमान में अधिकांश शौचालय बंद पड़े हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नगर पालिका ने 90 फीसदी शौचालयों पर अभी तक केयरटेकर नियुक्त नहीं किए हैं। केयरटेकर न होने के कारण जो शौचालय खुले हैं, उनकी देखभाल नहीं हो पा रही और उनमें गंदगी बनी हुई है। इसके कारण यह शौचालय स्वच्छता को बढ़ावा देने के बजाय उल्टा संदेश दे रहे हैं। स्थानीय लोग और राहगीर गंदगी से भरे शौचालयों में शौच जाने से भी कतरा रहे है। गर्मी में अचानक पेट खराब होने पर शौचालय बंद होने से राहगीरों और स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अचानक पेट खराब होने पर स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों को शौचालय के लिए खाली स्थान पर भागना पड़ रहा है। इससे गंदगी फैल रही है, जिससे एटा नगर पालिका हर बार होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ रही है। बनने के बाद भी टॉयलेट की सफाई नहीं हुई एटा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में कुल 17 स्थानों पर दो-दो सीट वाले 17 मूत्रालय बनाए गए थे। इनमें से अधिकांश का निर्माण के बाद से ही सफाई नहीं की गई है। इस कारण लोग मूत्रालय में जाने से कतरा रहे है। बता दें कि इन सभी मूत्रालयों का निर्माण 07 लाख 35 हजार 828 रुपए की लागत से किया गया था। शहर में जो भी शौचालयों बंद पड़े हैं, उनमें अनेकों प्रकार की कमियां थी। पहले कमियों को पूरा करा कर सीवर से कनेक्शन कराए जा रहे है। इस कार्य के पूरे होते ही शौचालयों का संचालन के कराने के लिए ठेका किया जाएगा। फिलहाल सभी सफाई नायकों को शौचालय संचालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी प्रमुख स्थानों के शौचालय सुबह खुलते हैं। -सोवरन सिंह, स्वच्छ भातर मिशन प्रभारी, नगर पालिका परिषद एटा।
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