युवाओं को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर, खुलेगी 1700 नई उद्यम इकाईयां
Etah News - मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के तहत नई सूक्ष्य लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना की जाएगी। सरकार का लक्ष्य जनपद में 1700 इकाइयां स्थापित करना है। इस योजना के तहत वित्त पोषण का प्रावधान और...

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना में नई सूक्ष्य लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना की जाएगी। जनपद को योजना में 1700 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य राज्य सरकार ने दिया है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग जनपद में उद्योगों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से युवाओं को रोजगार सृजित करेगा। प्रदेश सरकार ने जनपद में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिशन मोड पर कार्य कर इकाइयां स्थापित कराने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त उद्योग प्रेमकान्त ने बताया है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना में प्रदेश सरकार ने 10 वर्ष में 10 लाख नई सूक्ष्य इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। योजनान्तर्गत जनपद को 1700 इकाइयां स्थापित कराने का लक्ष्य मिला है। उन्होंने कहा कि योजना में वित्त पोषण योजना के उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रुपये 5 लाख तक परियोजनाओं के ऋण पर परियोजना लागत का शत-प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले चार वर्षों के लिए दिया जाएगा। कुल परियाजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्मलोन के रूप में होना अनिवार्य होगा। परियोजना में भूमि, भवन का क्रय सम्मिलित नहीं होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियो का परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियो के लिए 12.5 प्रतिशत तथा अनुसुचित जाति, जनजाति, दिव्यांगजन के लाभार्थियों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को परियोजना लागत या अधिकतम पांच लाख रुपये का 10 प्रतिशत मार्जिनमनी, सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
विभागीय प्रशिक्षण योजना से प्रशिक्षित व्यक्ति ले सकते है लाभ
उपायुक्त उद्योग प्रेमकान्त ने बताया है इकाई स्थापना के लिए विभाग से संचालित प्रशिक्षण योजनाओं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डबलपमेन्ट मिशन से संचालित कौशल उन्नयन में प्रशिक्षित व्यक्ति को योजना में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय, शौक्षणिक संस्थान कौशल संबंधी सटिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा, डिग्री व अन्य तकनीकी शिक्षा प्राप्त अनुसूचित जाति, जनजाति महिला अभ्यर्थियो को वरीयता दी जाएगी।
योजना में यह इकाइयां खोलने को नहीं मिलेगा ऋण
उपायुक्त उद्योग प्रेमकान्त ने बताया कि योजना में तंबाकू उत्पाद, गुटखा, पान मसाला, अल्कोहल, वातायुक्त पेय पदार्थ, कार्बोनेंनेटड उत्पाद, पटाखे, प्लास्टिक कैरी बैंग (40 माईकान से कम), केन्द्र, राज्य सरकार से समय-समय पर प्रतिबंधित श्रेणी में रखे उत्पाद योजना में लाभ के लिए पात्र नहीं होगें। योजना में जनपद की राष्ट्रीयकृत बैंक, आर्यावर्त बैंक वित्तीय संस्थाए ऋण वितरण के लिए पात्र होगी। योजना लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते है।
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