Woman Dies After Being Denied Treatment at CHC Sakit Husband Blames Negligence सीएचसी सकीट पर पहुंची टीबी मरीज को बिना उपचार को भगाया, मृत, Etah Hindi News - Hindustan
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सीएचसी सकीट पर पहुंची टीबी मरीज को बिना उपचार को भगाया, मृत

Etah News - एटा/सकीट में एक महिला को सीएचसी सकीट पर बिना उपचार के ही भेज दिया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। पति हरवीर सिंह का आरोप है कि यदि चिकित्सकों ने समय पर उपचार किया होता, तो उसकी पत्नी बच सकती थी। संगीता...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाMon, 28 April 2025 03:14 AM
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सीएचसी सकीट पर पहुंची टीबी मरीज को बिना उपचार को भगाया, मृत

एटा/सकीट। सीएचसी सकीट पर गंभीर हालत में पहुंची महिला को बिना उपचार दिये ही भाग दिया गया। समय से उपचार न मिल पाने के कारण मेडिकल कालेज इमरजेंसी पहुंचने से पूर्व ही क्षयरोगी महिला की मौत हो गई। मृत महिला के पति हरवीर सिंह का आरोप है कि सीएचसी पर यदि चिकित्सकों ने उसकी पत्नी को उपचार दिया होता तो शायद वह बच जाती। ब्लॉक सकीट क्षेत्र के गांव उदयपुर निवासी 32 वर्षीय संगीता पत्नी हरवीर सिंह को शनिवार सात बजे के लगभग पति उपचार ले लिए 102 एंबुलेंस से लेकर पहुंचा। सीएचसी पर पहुंचकर पति हरवीर ने वहां मौजूद स्टाफ को बताया कि उसकी पत्नी टीबी की मरीज है। उसका वृंदावन में इलाज चल रहा है। उसके सीने में दर्द हो रहा है। उपचार के लिए वह यहां लेकर आया है। पति का आरोप है कि टीबी का मरीज होने की जानकारी पर सीएचसी पर मौजूद चिकित्सक, स्टाफ ने बिना देखे ही उसको वहां से जाने को कह दिया। सीएचसी पर पत्नी को बिना देखे ही ले जाने की कह देने के बाद वह काफी देर तक गांव वापस लौटने के लिए वाहन का इंतजार करता रहा। इस दौरान उसकी पत्नी की हालत बिगड़ती रही। किसी तरह वह मोटर साइकिल से वापस गांव पहुंचा। जहां से वह अपनी पत्नी को निजी वाहन से रात्रि तीन बजे मेडिकल कालेज इमरजेंसी पहुंचा। जहां पर चिकित्सक ने परीक्षण के उपरांत उसकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। पति का कहना है कि यदि सकीट सीएचसी पर ही उसकी पत्नी को उपचार मिल जाता। तब शायद उसकी पत्नी जिंदा होती। मेडिकल कालेज में संगीता को मृत घोषित करने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।

पूर्व में सीएचसी सकीट पर चला था दो महीने इलाज

सकीट /एटा, उदयपुर निवासी हरवीर सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी संगीता टीबी की मरीज थी। जिसका दो माह सीएचसी सकीट पर भी इलाज चला था। दो माह में कोई सुधार न होने पर वह उसको वृंदावन उपचार के लिए ले गया। जहां तीन-चार महीने से उसका उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान ही रविवार शाम को उसकी हालत बिगड़ गई।

क्षयरोगी को बिना उपचार सीएचसी सकीट से भगाये जाने के बारे में जानकारी नहीं है। यदि क्षयरोगी को बिना उपचार के लौटाया गया है। इसकी जांच करायी जाएगी। जांच में लापरवाही पाने जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

--डा. उमेश कुमार त्रिपाठी, सीएमओ, एटा।

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