इटावा में बोले स्वामी प्रसाद, वक्फ की जमीने अपने चहेतों को देना चाहती है भाजपा
Etawah-auraiya News - पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार पर वक्फ बिल के माध्यम से वक्फ की जमीनें कब्जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और जनता को मूलभूत...

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वक्फ बिल के माध्यम से भाजपा सरकार वक्फ की कीमती जमीनों पर कब्जा करना चाहती है। इन जमीनों को भाजपा अपने चहेते पूंजीपतियों को दे देगी। जनता का ध्यान मूलभूत समस्याओं से हटाने के लिए ही भाजपा हिन्दू मुस्लिम और बाबर औंरगजेब की बातें कर रही है। अपने राजनैतिक दल अपनी जनता पार्टी की संविधान बचाओं यात्रा लेकर इटावा पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वक्फ का कानून धार्मिक क्षेत्र में सरकार का हस्तक्षेप है और यह संविधान की भावना के खिलाफ है। उनका दल वक्फ बिल के विरोध में हैं। उन्होने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सभी मोर्चो पर फेल हैं। इधर उधर की बात करके जनता को भ्रमित कर रहीं हैं। लोगों को हिन्दू मुस्लिम तथा बाबर और औरंगजेव के मामलों में उलझाए हुए है ताकि लोग रोजगार की मांग ना करें और मंहगाई को भूले रहें। लोग इस सरकार की नीतियों से और गरीब हुए है और पांच किलो मुफ्त का अनाज ले रहे हैं। इस सरकार ने रोजगार के रास्ते बंद कर दिए। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। स्कूलों में शिक्षक नही है और शिक्षकों के अभाव में स्कूलों को बंद किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार सभी राजकीय सम्पत्तियों का निजीकरण कर रही है। रेलवे स्टेशनों, एलआईसी, बदंरगाह और एयर इंडिया को निजी हाथों में दे दिया गया है।श्री मौर्य ने कहा कि भाजपा ओबीसी के नाम पर लोकसभा चुनाव लड्ती है लेकिन बाद में ओबीसी और दलितो को भूल जाती है। महत्वपूर्ण पदों पर आरएसएस के लोगों को बैठाया गया है। पूर्व मंत्री ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर करणी सेना के प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह प्रदर्शन उस दिन हुआ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आगरा में थे। एक तरह से कानून व्यवस्था को चुनौती दी गई। उन्होने यह भी कहा कि रामजी लाल दलित सांसद है इसलिए उनके आवास पर प्रदर्शन किया गया।
औंरंगजेब क्रूर शासक और परशुराम भगवान
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि औरंगजेब पर यह आरोप है कि उसने अपने पिता को कैद कर लिया था। इसके साथ ही उसने राज्य किया तो लोगों को परेशान किया इसलिए उसे क्रूर शासक कहा गया। लेकिन परशुराम ने तो 21 बार इस धरा को क्षत्रिय विहीन किया और परशुराम को भगवान कहा जाता है, ऐसा क्यों हैं। करणी सेना परशुराम को लेकर प्रदर्शन क्यों नही करती।
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