इटावा में बोले डीआईओएस, प्राकृतिक जलस्रोतों को स्वच्छ रखते हैं कछुए
Etawah-auraiya News - विश्व कछुआ दिवस पर, राजकीय इंटर कॉलेज में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कछुओं के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि कछुए जल स्रोतों को स्वच्छ रखने...

विश्व कछुआ दिवस पर सामाजिक वानिकी प्रभाग, जिला गंगा सुरक्षा समिति व जिला पर्यावरण समिति की ओर से राजकीय इंटर कॉलेज में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने किया। उन्होने कहा कि कछुए मानव के लिए प्रकृति प्रदत्त विशेष उपहार है जो प्राकृतिक जल स्रोतों को स्वच्छ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते है। सैकड़ो वर्ष जीने वाला यह जीव वर्तमान युग में संकट में आ गया है इसके संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा lवन्यजीव विशेषज्ञ डॉ राजीव चौहान ने बताया कि कछुओं की प्रजाति लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व से पृथ्वी पर पाई जाती है।
इन्हें विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों में से एक माना जाता है। भारत में 29 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से पांच समुद्री कछुए हैं। इटावा में इनकी लगभग 10 प्रजातियां मिलती हैं जिनमें से सात प्रजातियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संरक्षित प्रजातियों में दर्ज है l जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेश कुमार ने कहा कि विश्व कछुआ दिवस प्रत्येक वर्ष 23 मई को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों का ध्यान कछुओं की तरफ आकर्षित करने और उन्हें बचाने के प्रयास करना है। जीआईसी के प्रधानाचार्य डा. दीपक सक्सेना ने कहा कि कछुए नदियों के जल को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। कछुए पानी मे पैदा होने वाले हरित शैवाल को खाकर नदियों के जल के प्रदूषण को कम कर देते है। इस अवसर पर डीपीओ नमामि गंगे संजीव चौहान, जेआरएफ डा. संगीता एवं पर्यावरणविद् संजय सक्सेना ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वन दरोगा सुनील कुमार, रविंद्र मिश्रा, सुरेश कुमार ,अनुज तिवारी मौजूद रहे।
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