श्रीमद्भागवत कथा में सुनाई उपवास की कथा
Rampur News - खजुरिया के कनकपुर के गौटिया गांव स्थित दुर्गा मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक रीना शास्त्री ने व्रत और उपवास के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि व्रत केवल भूखे रहने का नाम...

खजुरिया। क्षेत्र के कनकपुर की गौटिया गांव स्थित दुर्गा मंदिर पर श्रीमद्भागवत कथा के चलते पांचवें दिन कथावाचक रीना शास्त्री ने श्रद्धालुओं को व्रत और उपवास के बारे में कथा सुनाई। उपवास के बारे में बताते हुए कहा कि व्रत का मतलब भूखे रहना नहीं होता है। बल्कि व्रत का सही अर्थ तो यह होता है कि हम सच्चे मन से ईश्वर की प्रार्थना करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञा, संकल्प और प्रण कर लेना आदि होता है। अगर हमने संकल्प ले लिया कि हम प्रतिदिन सुबह शाम आधा घंटे की परमपिता परमेश्वर की प्रार्थना नियम पूर्वक करते हैं। तब उस नियम को ही व्रत कहते हैं।
लेकिन भूखे रहना व्रत की श्रेणी में नहीं आता है। बल्कि उपवास की श्रेणी में आता है। बैज्ञानिक दृष्टि कोण से प्रत्येक व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन भूखे अवश्य रहना चाहिए क्यों कि एक दिन भूखे रहने से हमारे पेट के अन्दर की गंदगी साफ हो जाती हैं। और पेट में गतिशील आतों को एक दिन का रेस्ट मिल जाता है। कथा श्रवण के मौके पर गांव के तमाम महिला एवं पुरुष श्रद्धालु लोग मौजूद रहे।
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