मासूमों की परवरिश और सुरक्षा की चिंता में मां बेहाल
Fatehpur News - -तिहरा हत्याकांड-5 मासूमों की परवरिश और सुरक्षा की चिंता में मां बेहाल मासूमों की परवरिश और सुरक्षा की चिंता में मां बेहाल मासूमों की परवरिश और सुरक्ष

फतेहपुर। घर चलाने वाले चले गए। घर में अस्सी बरस की बूढ़ी सास और दो मासूम बेटे। इनका लालन पालन कैसे होगा, इनकी सुरक्षा कैसे होगी, ये तमाम चिंताए हैं जो मनीषा को बेहाल किये हैं। चुनावी रंजिश में अपने पति, जेठ और जवान भतीजे को खोने वाली मनीषा मासूम बेटों को गोद में लिये पूरा दिन सिसकती है। उसे एक ओर इन मौतों का गम है तो वहीं बच्चों की सुरक्षा और परवरिश को लेकर चिंता, फिलहाल घर में मौजूद नाते रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं लेकिन सवाल वही कि आखिर कब तक... अखरी गांव में हुए नरसंहार के बाद ग्रामीण सहमे हैं। किसान नेता के भाई अनूप सिंह के दो छोटे बच्चे हैं। बड़ा बेटा शौर्य सात बरस और छोटा आठ माह का है। आखिर इन बच्चों का क्या कसूर है, इनकी परवरिश अब कौन करेगा। इस तरह के तमाम सवाल तिहरे हत्याकांड के बाद ग्रामीणों के जेहन में है। हत्याकांड के पांच दिन बीत जाने के बाद भी गांव और परिवार में गमगीन माहौल है। अस्सी बरस की रामदुलारी बेटों और पौत्र को याद कर बेहाल हैं। घर का चूल्हा नाते रिश्तेदार जला रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वर्चस्व और चुनावी रंजिश में पूर्व प्रधान ने जो खूनी खेला है, इससे पूरे गांव की बदनामी हो रही है। यह बात पीढियों तक चलेगी।
चश्मदीद को सता रहा जान का खतरा
तिहरे हत्याकांड के चश्मदीद शमशेर सिंह उर्फ सोनू ने खुद की जान खतरा बता सुरक्षा की मांग की है। बताया कि हत्याकांड का वह चश्मदीद गवाह है। उसको भी अपनी जान का खतरा है। सभी आरोपी भले की पकड़ कर जेल भेजे जा चुके हैं लेकिन उनसे जुड़े लोग कुछ भी करवा सकते हैं।
मवेशियों को ग्रामीणों ने छोड़ा
आरोपी मुन्नू सिंह अपने दो बेटों के साथ जेल की सलाखों के पीछे है और घर की महिलाएं हत्याकांड के बाद ही घर से चली गई थीं। घर पर ताला बंद हैं और बाहर पुलिस का पहरा। मुन्नू सिंह के मवेशी भूख प्यास से तड़प रहे थे। ग्रामीण भी डर के कारण उनको दाना पानी की व्यवस्था नहीं कर रहे थे। शनिवार को ग्रामीणों ने इन मवेशियों को अन्ना कर दिया।
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