बोले फिरोजाबाद: नूरपुर का नूर छीन रही गंदगी पाइपलाइन में नहीं दौड़ता पानी
Firozabad News - नरपुर गांव में विकास की स्थिति चिंताजनक है। गांव में सफाई की कमी, बिजली की अनियमित आपूर्ति और पानी की भारी समस्या है। ग्रामीण कहते हैं कि सरकारी योजनाएं अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रभावी नहीं हो...
नरपुर। नाम में भले ही नूर छिपा हुआ है, लेकिन इस गांव में जाने पर नजारा कुछ और ही दिखाई देता है। बाहर सड़क पर पीपल के पेड़ के निकट ही ग्रामीण बैठे हुए हैं तो पेड़ के ईद-गिर्द ही कचरा बिखरा पड़ा था। यहां पर नालियां भी बता रही थी कि नियमित सफाई का अभाव था। गांव में बाहर डामर रोड से गांव के हालात कुछ अच्छे दिखाई देते हैं लेकिन अंदर जाने पर सालों पुराने खड़ंजे गांव के विकास की कहानी बयां करते हुए दिखाई देते हैं। कई लोगों ने सड़क के किनारे ही मकान बनवा लिए हैं वह तो इन खड़ंजों से होने वाली परेशानी से बच गए हैं लेकिन अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न तरह की समस्याओं से जूझते हुए गांव के लोगों को विद्युतापूर्ति के साथ में पानी की समस्या से जूझना पड़ता है...।
गांव के विकास पर सरकार पैसा बहा रही है। जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। घरों से निकल रही नालियों को तालाब से जोड़ा जा रहा है ताकि जलभराव की स्थिति न बने। जहां पर नालियों को सीधे तालाब से नहीं जोड़ पा रहे, वहां पर घर के निकट ही गड्ढे खोद घरों के पानी की निकासी वहां की जा रही है। गांवों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती है तो यह कहना भी गलत नहीं होगा कि आने वाला मौसम बीमारियों के लिए पहचाना जाता है। फिरोजाबाद के इन गांवों में से ही एक है नूरपुर। मुख्यालय से 12-13 किमी दूर स्थित इस गांव की बदहाली गांव की तस्वीरें बयां करती हैं तो बिजली के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ता है।
विभिन्न विभागों के अधिकारियों की लापरवाही गांव-देहात की जनता को परेशान कर रही है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं अधिकारियों की लापरवाही के कारण कैद नजर आ रही हैं। कहीं पर पाइप लाइन बिछ गई है तो पानी नहीं पहुंच रहा है। कहीं पर विद्युत लाइन है लेकिन विद्युत विभाग की लापरवाही से कई कई घंटे ग्रामीणों को बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है। हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत जब नूरपुर के लोगों से संवाद किया तो विभिन्न विभागों की ही नहीं, उनके जिम्मेदार अधिकारियों की भी पोल खुल गई। ग्राम पंचायत राज विभाग के सफाई के दावों की हकीकत नूरपुर के हालात बयां करते हैं। सूखे कूड़े के लिए बनाए गए ईंटों के बड़े-बड़े बॉक्स के बाहर सूखा कूड़ा लिखा दिखाई देता है लेकिन अंदर उपले भरे दिखाई देते हैं। विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते इस क्षेत्र के लोगों को नियमित रूप से विद्युतापूर्ति नहीं मिल रही। ग्रामीण गांव के सालों पुराने खड़ंजों को दिखाते हुए कहते हैं कि इनकी हालत खराब हो गई है। जगह जगह पर गड्ढे होने से चलना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं गांव में नियमित सफाई कराने की भी जरूरत है।
घर-घर तक पानी पहुंचाने की हो व्यवस्था
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की हर घर जल योजना के तहत गांव में घर-घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। प्राइवेट सबमर्सिबल पर निर्भर होने के कारण कई बार परेशानी होती है। बिजली न आने पर लोगों को पीने के पानी के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सिंचाई को भी नहीं मिलती बिजली
नूरपुर के ग्रामीण भी फसलों को लेकर चिंतित रहते हैं। सिंचाई के लिए भी पर्याप्त बिजली किसानों को नहीं मिल पा रही है। वहीं जर्जर तार यहां भी फसलों के साथ में किसानों के अरमानों पर पानी फेर रहीं है। गांव के सबदीन कहते हैं कि बीते दिनों ही एक हादसा होते-होते बचा है। हर साल हादसे में क्षेत्र के किसानों की फसल भी जलकर राख हो जाती है। गांव की आपूर्ति को लेकर भी ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के आने-जाने का कोई वक्त नहीं है तो वोल्टेज भी परेशानी खड़ा करते हैं।
हमारी बस्ती में करीब 200 वोट हैं, लेकिन इसके बाद भी हमारी बस्ती की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। इतनी आबादी होने के बाद भी यहां पर एक भी सबमर्सिबल नहीं है। गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक शौचालय का भी निर्माण नहीं हुआ है।
-अंबरीश कुमार
आखिर विकास की बात की जा रही है तो हमारी गांव में खड़ंजे का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है। इससे इस गली में रहने वाले परिवार के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
-सुखदेवी
बाहर सड़कें बनी हुई हैं, लेकिन गांव की गली में आते ही ऐसा लगता है कि कहां पर आ गए हैं। बच्चे गिरकर चुटैल हो रहे हैं, लेकिन इस तरफ किसी अधिकारी का ध्यान नहीं है। आखिर क्या हमारा अधिकार नहीं।
-विरमा
हमारी गली में आज तक खड़ंजा नहीं बन सका है। पुराने जमाने की ईंटों का खड़ंजा है। गांव में अन्य जगह पर इंटरलॉकिंग बिछाई गई है, लेकिन हमारी गली में महिलाएं एवं बेटियां खराब सड़क से गिर जाती हैं।
-रंजीत
सिंचाई के लिए बिजली भी पर्याप्त नहीं मिल पा रही है। कई बार तार टूट जाने से गांव में भी पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। वहीं पाइप लाइन से पानी नहीं आता है। गांव में सफाई कर्मचारी भी नहीं आते हैं।
-देवेंद्र
विद्युत सप्लाई की स्थिति बेहद खराब है। बिजली नाम मात्र के लिए ही सप्लाई हो रही है। क्षेत्र के विधायक चुने जाने के बाद में कभी गांव की समस्याओं को भी सुनने को नहीं आए हैं। वोट मांगते ही दिखाई देता है।
-केपी सिंह
गांव में पानी की बड़ी समस्या है। प्राइवेट सबमर्सिबल से किसी तरह से लोग पानी की पूर्ति कर रहे हैं। हर घर जल योजना के तहत सरकार घरों तक पानी पहुंचाने की बात कर रही थी लेकिन समस्या वहीं है।
-महेश
गांव में सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। घर के बाहर तो लोग सफाई कर लेते हैं, लेकिन सड़क एवं मुख्य मार्ग पर कूड़ा एवं गंदगी बिखरी रहती है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-विक्रम
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