बारा के महिला मजदूरों का असुरक्षित है जीवन
Gangapar News - बारा, शंकरगढ़, लालपुर, नारीबारी, कौंधियारा के पहाड़ों ,यमुना और टोंस से बालू निकासी, घूरपुर से लेकर करमा तक फैले ईंट भट्ठों से लेकर कस्बों और गांवों में बन रहे सरकारी, गैर सरकारी भवनों, शंकरगढ़ के...
बारा, शंकरगढ़, लालपुर, नारीबारी, कौंधियारा के पहाड़ों ,यमुना और टोंस से बालू निकासी, घूरपुर से लेकर करमा तक फैले ईंट भट्ठों से लेकर कस्बों और गांवों में बन रहे सरकारी, गैर सरकारी भवनों, शंकरगढ़ के अमीरों के घरों में चौका बर्तन तक का काम महिला मजदूर काम करती हैं। शासन द्वारा इनकी सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं हैं।
महिला मजदूरों का किसी भी प्रकार का सरकारी बीमा नहीं है। मजदूरी भी पुरुषों की आधी मिलती है। काम भले ही पुरुषों से अधिक करती हों। इनके इलाज के लिए शासन ने शंकरगढ़, इमिलिया में महिला अस्पताल खोला है। शंकरगढ़ का महिला अस्पताल अवारा किस्म के लोगों का गढ़ बन चुका है। इमिलिया तरहार के महिला अस्पताल में कभी भी डॉक्टर नहीं आई। केवल बिल्डिंग खड़ी है। सीएचसी जसरा और शंकरगढ़ में तैनात महिला डॉक्टरों के पास केवल साधन संपन्न परिवार ही इलाज करा सकते हैं। इसके कारण अधिकांश महिला मजदूरों का मां बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता है। गांवों में तैनात एएनएम गांव के बजाय शहर में रह रही हैं।
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