पाकिस्तान पर प्रहार, पूर्व सैनिक ने जताई खुशी
Gangapar News - पाकिस्तान पर प्रहार, आपरेशन सिंदूर पर पूर्व सैनिक ने जताई खुशी,कारगिल युद्ध में दोनों पैर गवां चुके हैं चांद खम्हरिया के जगदीश शुक्लामेजा। चांद खम्हरि
चांद खम्हरिया गांव के जगदीश शुक्ला पाकिस्तान व भारत के कारगिल युद्ध में अपना दोनों पैर गंवा चुके हैं। रिटायर होने के बाद वह पत्नी उर्वशी शुक्ला के साथ घर चांद खम्हरिया गांव में रहते हैं। पूर्व सैनिक को जैसे ही पाकिस्तान पर प्रहार व नौ आतंकी ठिकानों के ध्वस्त होने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए प्राप्त हुई वह खुशी से भर गए, कहा कि जिस तरीके से आतंकियों ने गत दिनों जम्मू कश्मीर में सैलानियों के साथ बेरहमी व बहन बेटियों की मांग का सिंदूर उजाड़ा था, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तत जवाब दे दिया है। भारतीया सेना किसी से कम नहीं है।
सेनानी जगदीश शुक्ल घर में रही टीवी खोलकर आतंकियों पर किए गए प्रहार को देखने में जुट गए। कहा कि आज भी उनका जज्बा पहले जैसा है। इकलौता बेटा जीतेन्द्र कुमार शुक्ल सेना में अफसर थे, पांच वर्षो तक नौकरी करने के बाद इस समय स्वरूपरानी अस्पताल में तैनात हैं। तीन बेटियां थी, जिनकी शादी हो चुकी है, सभी अपनी सुसराल में हैं। जगदीश शुक्ल ने बताया कि वह 1963 में इलाहाबाद से सेना में भर्ती हुए थे, प्रशिक्षण राजस्थान के कोटा में हुआ था। सेना में भर्ती के बाद उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए कसम खा रखी थी। पाकिस्तान से पहले लड़ाई बंटवारे को लेकर वर्ष 1965 हुई थी, जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी, उस समय देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थी, पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया था, उन्होंने नारा दिया था कि जय जवान, जय किसान। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में भूटान जाना पड़ा जहां डोकलाम की लड़ाई में उन्हें भाग लेना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ, जिसमें दोनों पैर गंवा दिए।
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