बोले प्रयागराज : टूटी-फूटी खस्ताहाल सड़कें दिखें तो समझिए आप कोरांव में हैं
Gangapar News - कोरांव तहसील की सड़कें बेहद खराब हालत में हैं। बारिश के दिनों में गांव के लोग कच्चे रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। विभिन्न विभागों द्वारा बनाई गई 70% सड़कें टूट चुकी हैं। प्रधानमंत्री सड़क योजना के...
कोरांव की खस्ताहाल सड़कें मेजा और मांडा की पहाड़ियों से उतरने के बाद बसहरा और रामपुर बखार गांव से शुरू हुई टूटी-फूटी सड़कें और कच्ची पगडंडी जहां से मिलना शुरू हो जाय तो समझ लीजिए कि अब हम कोरांव तहसील में पैर रख चुके हैं। जहां पड़ोस की मेजा विधानसभा के प्रत्येक ग्राम पंचायत से लेकर राजस्व गांवों में सड़कों का जाल बिछा हुआ है वहीं कोरांव विधानसभा में इसका बिल्कुल उल्टा है। आज भी अधिकतर गावों के लोग बरसात के दिनों में कच्चे एवं पगडंडी से गुजरने को बाध्य हैं। इसी तरह बड़ी सड़कों की हालत भी यहां सबसे अधिक खराब है।
विभिन्न विभागों से बनाई गई सड़कों में 70% सड़कें टूट कर उबड़-खाबड़ हो गईं हैं, जिस पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। क्षेत्र में विभिन्न विभागों की निर्माण कार्यदाई संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की कमजोरी सड़कों के मामले में साफ दिखाई देती है। चाहे भारतगंज- प्रतापपुर मार्ग हो, चाहे देवघाट से बड़ोखर, चाहे देवघाट चौराहे से हनुमान गंज-पैतिहा मार्ग हो चाहे रतेवरा मोड़ से सुभाष मार्ग, बड़ोखर से मानपुर और बड़ोखर से टुडियार तथा चिराव मार्ग हो सब की दशा बेहद खराब है। लिंक मार्गों की दशा तो कहने लायक नहीं है। क्षेत्र में बेलन नहर प्रखंड द्वारा नहरों की पक्की की गई पटरियों में मेजा रजबहा, कोरांव रजबहा, टीकर रजबहा सहित बेलन मुख्य नहर की पटरियां भी चलने लायक नहीं रह गई हैं। पिछले कई वर्षों से क्षेत्र में कोई भी प्रधानमंत्री सड़क योजना की स्वीकृति नहीं हुई है। दीनदयाल उपाध्याय योजना में छह सड़कों की स्वीकृत होने की जानकारी दी गई है, जिनका नवीनीकरण किया जाना है। इसके अलावा विभिन्न गांवों में लगभग 100 लिंक मार्ग है जिन पर कार्य कराने का प्रस्ताव भी दिये जाने की जनकारी सामने आई है। कोरांव से मेजा रोड मार्ग पर ब्लॉक और तहसील क्षेत्र बसहरा गांव से शुरू होता है। बसहरा में ही मुख्य सड़क से बस्ती होकर स्कूल से बगल नहर तक जाने के लिए कोई लिंक मार्ग नहीं है। इसी तरह गांव के पूरब आदिवासी बस्ती के लोग बरसात में कीचड़ युक्त पगडंडी से गुजरते हैं। कपुरी बढैया में नहर के पूरब मुख्य बस्ती, कुशवाहा बस्ती के लोग लिंक मार्ग के लिए तरस रहे हैं। पसना गांव के अन्दर जाने के लिए संकरी गलियों से होकर गुजरना पड़ता है, इसी तरह दलित बस्ती भी रास्ते को लेकर पीड़ित है। बदौर की धैकार बस्ती, पटेल बस्ती, सिरोखर में दलित बस्ती, दुधरा की सवर्ण बस्ती भी लिंक मार्ग बनवाने के लिए हाथ-पैर मारती है लेकिन उसके हाथ कुछ भी नहीं लगता। यह तो केवल एक मार्ग का हाल है, ऐसा ही हाल कोरांव से ड्रमंडगंज मार्ग, कोरांव से लेड़ियारी मार्ग, कोरांव से देवघाट मार्ग और कोरांव से कोहड़ार घाट जाने वाले मार्ग के आसपास के गांवों का भी बताया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कोरांव तहसील में पीडब्ल्यूडी को कोहड़ार घाट से खीरी मार्ग के लिए 35 करोड़, सुहास-रतेवरा मार्ग के लिए 15 करोड चौड़ीकरण के लिए धनराशि दी गई है। जबकि कोरांव से मेजा मार्ग के नवीनीकरण के लिए सात करोड, बीपी मार्ग के 52 किमी के लिए 30 करोड़ की राशि भी पीडब्ल्यूडी को मिली है। वहीं दीनदयाल उपाध्याय योजनान्तर्गत कोरांव की सात सड़कों में से पैतिहा में दो, अल्हवा, अयोध्या, रामगढ खीरी तथा घूघा के अंतर्गत एक-एक सड़क के लिए पैसे की स्वीकृति मिली है। इसके अलावा नवीनीकरण में ही कोरांव के विभिन्न गांवों की लगभग 100 लिंक मार्गो का भी रंग रोगन किए जाने पर काम भी शूरू होना है। कोरांव को नहीं मिली एक भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पिछ्ले दिनों प्रदेश सरकार ने फूलपुर और इलाहबाद संसदीय क्षेत्र के लिए 31 प्रधानमंत्री सड़क की घोषणा की, जिनमें से 17 सड़कों का वर्चुअली उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। उनमें जसरा, चाका, करछना, मेजा तथा मांडा को एक-एक प्रधानमंत्री सड़कों की सौगात मिली लेकिन कोरांव के खाते में एक भी सड़क नहीं आई। मूलभूत सुविधाएं कोरांव के लिए सपना आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं में से सड़क, पानी और शिक्षा तीनों अतिआवश्यक हैं, लेकिन कोरांव तहसील में अभी इन तीनों मामले में हम अन्य की अपेक्षाकृत काफी पिछड़े हैं। सड़कों की बदहाली, पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत और बालक-बालिकाओं की उच्च शिक्षा के मामले में भी अभी हमें बहुत कुछ लेकिन तेजी से करने की जरूरत है। इसके लिए अघिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी महसूस करने की जरूरत है। बोले जिम्मेदार पिछले कार्यकाल से लेकर अब तक 214 सड़कों का निर्माण हुआ है। वर्तमान समय में 22 नई सड़कें प्रस्तावित हैं। बेलन मुख्य नहर, देवघाट से बड़ोखर होते हुए टुडियार तक तथा बरौंधा से पाण्डेय पुर सड़क को चौड़ीकरण में दिया गया है। उनके अनुसार वह अपने विधान सभा क्षेत्र के हर मजरे को सरकार की नई गाइड लाइन के अंतर्गत लिंक मार्ग से जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। -राजमणि कोल, विधायक, कोरांव ------------------------ हमारी भी सुनें अपने छेत्र मडफा, घूघा, अयोध्या, पटेहरी, बरहुला, भगेसर जादीपुर तथा कपासी गांव में जिला पंचायत की धनराशि से लिंक मार्गों का निर्माण कराया है। इसके अलावा अयोध्या, रामपुर मोड़, खजुरी, पथरताल और भगेसर गांव के चौराहों पर हाई मास्ट भी लगवाये हैं। -अरूण कुमार चतुर्वेदी उर्फ पिन्टू चौबे, जिला पंचायत सदस्य ग्राम पंचायत घोंघी रतेवरा के मजरा बेढ़ीपट्टी से निश्चिंत पुर सीमा तक सड़क बनवाने के लिए हमने बीडीओ और अन्य जनप्रतिनिधियों को कई बार प्रार्थना पत्र दिये लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। -अमित कुमार सिंह, बीडीसी सदस्य रतेवरा बेढ़ीपट्टी- निश्चिंत पुर सीमा तक की सड़क बनाने के लिए सांसद के पत्र के साथ मैनें भी पी डब्लू डी के अधिशाषी अभियन्ता को पत्र दिया लेकिन रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। जिसके कारण मझिगवा, नेवढ़िया, पचेड़ा आदि गांव के लिए रास्ता नहीं है। -देवीशंकर पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता, बेढ़ीपट्टी ग्राम पंचायत सिकरो की हरिजन बस्ती से बरनपुर गांव के लिए दोनों गांवोंके प्रधानों सहित प्रमुख और अन्य जनप्रतिनिधियों को प्रार्थना पत्र कई बार दिया गया लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई, जिससे हरिजन बस्ती से बरनपुर के लिए कोई रास्ता नहीं है। -महेंद्र प्रसाद शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता बहरैचा से लपरी नदी पार करने के लिए कोई भी सड़क और पुल न बनाये जाने से बैजला गांव की बस्ती का सम्पर्क बरसात के दिनों में पूरी तरह कट जाता है।बच्चे भी स्कूल जाने से वंचित हो जाते हैं। -डॉ. अमित केशरी, रत्यौरा करपिया रतेवरा में लगभग 700 लोगों की सवर्ण बस्ती निवास करती है जिसके मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए कोई भी लिंक मार्ग नहीं है । लोग बरसात के समय कीचड से गुजरते हैं। -शिव प्रसाद, करपिया कोरांव टाउन में ब्लॉक से हड़़ही होते हुए लेड़ियारी मार्ग में मिलने वाली डेढ किमी सड़क कई वर्षों से टूटी है ,जिस पर चलने से लोग आये दिन चोटिल होते रहते हैं। -मनीष बर्मा, बहादुर शाह, कोरांव गिरगोंठा खम्हारपटी होते हुए आगे की बस्ती तक जाने के लिए कोरांव- मांडा रोड मार्ग से लिंक मार्ग बनवाने के लिए विधायक, सांसद और ब्लॉक प्रमुख से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन उनकी बस्ती की दुर्दशा पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। -अरविंद कुमार यादव, सामाजिक कार्यकर्ता बड़ोखर से चिरांव और बड़ोखर से टुड़ियार गांव की सड़क लगभग दस वर्षों से टूटी पड़ी है।जिस पर आये दिन दुर्घटनायें होती रहती हैं लेकिन पी डब्लू डी के इन्जीनियर ध्यान नहीं दे रहे हैं। -राहुल सिंह, समाजसेवी बड़ोखर ग्राम सभा बेलवानिया जमुहरा में नहर की पटरी काली सड़क से रामराज आदिवासी के घर तक एक किलोमीटर तथा घोंघी में शिव शंकर सिंह के घर से रामदास के घर तक 800 मी एवं गिरगोठा वन चौकी से हरिजन बस्ती तक एक किलोमीटर लोक निर्माण विभाग से निर्माण करने के लिए आवेदन किया गया है। -मुन्ना सिंह, समाजसेवी घोंघी रतेवरा
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