गंगा वारियर्स की धमकी के बाद घाटों पर पहुंची वन विभाग की टीम
Gangapar News - मांडा। मांडा के गंगा घाटों पर अवैध बालू खनन और बालू के अवैध कारोबार रोकने

मांडा के गंगा घाटों पर अवैध बालू खनन और बालू के अवैध कारोबार रोकने की मांग को लेकर गंगा वारियर्स द्वारा गंगा में खड़े होकर आमरण अनशन की धमकी के बाद वन विभाग की टीम मांडा के गंगा घाटों पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। दौरान जांच ट्रैक्टरों पर बालू लदी ट्रॉली अधिकारियों ने देखा। दो दिन पहले गंगा वारियर्स की टीम ने सुभाषचंद्र ओझा के नेतृत्व में डीएफओ प्रयागराज के नाम वन क्षेत्राधिकारी मेजा अजय सिंह को ज्ञापन दिया था कि मांडा क्षेत्र के अछोला, जेरा, डेंगुरपुर, बामपुर, चेहरा होते हुए मिर्जापुर क्षेत्र के विभिन्न कछुआ सेंच्युरी के लिए आरक्षित गंगा घाटों व गंगा से बालू का अवैध खनन व परिवहन बेरोकटोक जारी है, जिससे जलीय जीव जंतुओं का जीवन संकट में है।
यदि इस पर रोक न लगाया गया, तो गंगा वारियर्स गंगा में खड़े होकर आमरण अनशन करेंगे। इस खबर को आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। खबर का असर यह रहा कि वन की एसडीओ संगीता के नेतृत्व में वन क्षेत्राधिकारी मेजा अजय सिंह, डिप्टी वन रेंजर धर्मेन्द्र कुमार, कई वन दरोगा व पूरी टीम के साथ मांडा क्षेत्र के अछोला, जेरा, औनौर, कोठरी, बामपुर और चेहरा गंगाघाट पर जांच करने गयी। वन क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने जानकारी दी कि दौरान जांच जेरा तथा ओनौर घाट पर ट्रैक्टर, ट्राली से बालू परिवहन किया जा रहा था, लेकिन टीम को देखते ही ड्राइवर ट्राली सहित भाग गया। कछुआ सेंच्युरी क्षेत्र में किसी भी दशा में बालू का खनन नहीं करने दिया जाएगा।
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