मांडा में अब दहाई में भी नहीं आते प्रार्थना पत्र
Gangapar News - मांडा। राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी
राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है। लेखपालों के न आने से राजस्व संबंधी किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, जिससे फरियादियों की संख्या भी मांडा में अब बेहद कम होने लगी है। आये मात्र तीन प्रार्थना पत्रों में केवल एक का निस्तारण हो पाया। शनिवार को मांडा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद वर्मा, एक कानूनगो और केवल चार लेखपाल आ पाये, जिनमें दो लेखपाल कोरांव क्षेत्र के रहे । मांडा थाना क्षेत्र की डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतें कोरांव तहसील से संबंधित हैं।
कोरांव तहसील से मात्र दो लेखपाल मांडा के समाधान दिवस में आये । समाधान दिवस की अध्यक्षता नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद वर्मा ने और संचालन इंस्पेक्टर माधव प्रसाद त्रिपाठी ने किया। समाधान दिवस में राजस्व संबंधी एक और पुलिस संबंधी दो मिलाकर कुल तीन प्रार्थना पत्र आये, लेकिन केवल एक मामले का निस्तारण हो पाया। शेष दो मामलों को रजिस्टर में अंकित कर जांच के लिए रख दिया गया। राजस्व व पुलिस से संबंधित ज्यादातर अधिकारियों को मांडा थाने के समाधान दिवस से कोई मतलब नहीं रहता। एसडीएम मेजा अथवा एसडीयम कोरांव अपने अपने तहसील के नजदीकी थाने को छोड़ कभी भी मांडा के समाधान दिवस में नहीं आते। एसीपी मेजा भी मेजा थाने के समाधान दिवस को ही वरीयता देते हैं, जिससे मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है।
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