Manda s Government Cow Shelters Directed to Plant Grass for 1300 Cattle मांडा की गोशालों में रह रहे 13 सौ गोवंश, चरी बोने के लिए प्रधानों को निर्देश, Gangapar Hindi News - Hindustan
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मांडा की गोशालों में रह रहे 13 सौ गोवंश, चरी बोने के लिए प्रधानों को निर्देश

Gangapar News - मांडा। मांडा के सभी पांचों सरकारी गोशाला संचालकों को गोशाला में रह रहे 13

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारFri, 21 March 2025 04:39 PM
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मांडा की गोशालों में रह रहे 13 सौ गोवंश, चरी बोने के लिए प्रधानों को निर्देश

मांडा के सभी पांचों सरकारी गोशाला संचालकों को गोशाला में रह रहे 13 सौ गोवंशों के लिए हरा चारा हेतु चरी बोने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रधानों ने चरी बोना शुरु भी कर दिया है। मांडा के सभी गोशाला पहाड़ पर ही स्थित हैं। मांडा विकास खंड के 69 ग्राम पंचायतों में कुल पांच सरकारी गोशाला बनाये गए हैं। इन गोशालों में मांडा खास ग्राम पंचायत के गोशाला में 363, ऊंचडीह उपरौध ग्राम पंचायत के कुशलपुर गाँव में स्थित गोशाला में 178, पियरी में 233, केड़वर में 189 और भवानीपुर ग्राम पंचायत के देवरी गोशाला में 331 गोवंश रखे गये हैं। पांचों गोशाला में कुल 1293 गोवंश रह रहे हैं। इन गोवंशों की देखभाल संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान करवाते हैं। पांचों ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक गोवंश मांडा खास के गोशाला में हैं। इस गोशाला में गोवंशों की देखभाल के लिए कुल दस मजदूर मानदेय पर रखे गये हैं। ग्राम प्रधान डाक्टर असद अली ने जानकारी दी कि सभी मजदूरों को नियमित मानदेय दिया जा रहा है। फरवरी तक का सभी मजदूरों को मानदेय मिल चुका है। कुशलपुर गोशाला के गोवंशों को सुबह सात बजे से सायं चार बजे तक चरने और घूमने के लिए पहाड़ पर छोड़ दिया जाता है। फिलहाल हरे चारे की उपलब्धता किसी भी गोशाला में नियमित नहीं है और न ही इसके लिए कोई अतिरिक्त फंड है। मांडा के सभी गोशाला पहाड़ों पर स्थित हैं। गोशाला के गोवंशों को न बांधने का निर्देश है। इस निर्देश के चलते छोटे, कमजोर व बीमार गोवंश काफी कष्ट पाते है। चरही में भूसा और पानी पड़ते ही मजबूत और बड़े गोवंश छोटे गोवंशों को घायल कर खुद भूसे खा जा जाते हैं। घायल गोवंशों के इलाज के लिए सप्ताह में रोस्टर और जरुरत के अनुसार पशु चिकित्सक की टीम गोशाला में जाती है। गोशालों के नोडल पशु चिकित्सा अधिकारी मांडा डाक्टर पीके मिश्रा ने जानकारी दी कि सभी संबंधित गोशाला संचालकों को हरे चारे के लिए चरी बोने हेतु निर्देशित किया गया है। चरी की बोआई शुरू भी हो गयी है। शीघ्र ही गोशालों में चरी के रुप में हरे चारे की भी पूर्ति हो जाएगी। बताया कि 17 मार्च को मांडा खास स्थित गोशाला में एक गोवंश की बीमारी से मौत होने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया था। बीडीओ मांडा अमित मिश्रा अक्सर गोशाला का भ्रमण कर गोशाला में साफ सफाई तथा चारे व हरे चारे की उपलब्धता बनाये रखने हेतु गोशाला संचालकों को निर्देश देते हैं, लेकिन जहाँ सैकड़ों गोवंश एक साथ रह रहे हों, वहाँ सीमित मजदूर चाहकर भी सफाई नहीं रख सकते।

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