सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही शुरू होगा नौतपा
Ghazipur News - भांवरकोल, हिन्दुस्तान संवाद। लगातार मौसम में बदलाव के साथ-साथ गर्मी का तापमान धीरे-धीरे

भांवरकोल, हिन्दुस्तान संवाद। लगातार मौसम में बदलाव के साथ-साथ गर्मी का तापमान धीरे-धीरे अपना प्रचंड रूप धारण कर रहा है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में पहुंचते ही धरती आग की तरह तपने लगती है, जिसके कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। हिन्दू धर्म में इस दौरान भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसे नौतपा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार नौतपा का आरंभ 25 मई को होगा, जो दो जून तक चलेगा। सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी इस वक्त सबसे कम हो जाएगी और इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी।
वहीं क्षेत्रीय पंडितों ने बताया कि सूर्यदेव 25 मई को सुबह 3.27 बजे कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और नौ दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में विराजित रहेंगे। इसके बाद तीन जून से आठ जून तक सूर्यदेव मृगशिरा नक्षत्र में गोचर करेंगे। सूर्य देव जब रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं तो उस अवधि को ही नौतपा कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की शुरुआत नौतपा से ही होती है। नौतपा वैसे तो 15 दिन का होता है, लेकिन शुरुआत के नौ दिन काफी ज्यादा गर्म होते हैं, जब सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और धरती के बीच की दूरी कम हो जाती है। नौतपा के दौरान सूर्य देव की आराधना जरूर करना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देने से परिवार के सभी लोग स्वस्थ रहते हैं। सूर्य पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। नौतपा के दौरान जल, दही, दूध, नारियल पानी का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इस दौरान गरीबों को भी गर्मी से बचने वाली चीजों का दान करना चाहिए।
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