यूपी: चूल्हा-चौका की दुनिया ने निकलीं बाहर ये महिलाएं, मिली तरक्की की राह
यूपी के इस जिले में महिलाओं की किस्मत बदल गई। कभी घर के राशन का संकट था आज वही महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर धनवान बन गईं

जिले में चूल्हा-चौका करने वाली महिलाओं ने समूह बनाकर सफलता की नई इबारत लिखी है। स्वयं सहायता समूहों के बनाए विभिन्न उत्पाद अब अमेजन जैसे प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। इसकी बदौलत कई महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इसमें झंझरी ब्लॉक क्षेत्र के चंदवतपुर ग्राम पंचायत की ऊषा तिवारी ने कामयाबी का परचम लहराया है। वह अचार, मुरब्बा समेत अन्य सामान बनाती हैं। अपने साथ डेढ़ दर्जन से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।
झंझरी की ऊषा तिवारी अचार बनाने का काम करती हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूह के जरिए यह काम शुरू किया था। उन्होंने दुकान भी खोल ली है। जहां से महीने में काफी मात्रा में अचार बिक रहा है। अचार कंपनी की वजह से ऊषा को नई पहचान मिली है। ऊषा बताती हैं कि आज उनके साथी जुड़ी महिलाएं भी अच्छी कमाई कर रही हैं। शहर की सबीना बानो समूह से जुड़कर मोटे अनाज का कारोबार कर रही है। वह बताती है कि चार साल पहले समूह से जुड़ी थी। उसके बाद धीरे धीरे पूरी मेहनत से काम करने लगे और अपने साथ एक दर्जन महिलाओं को भी जोड़ लिया है। सभी महिलाएं भी अच्छा मुकाम हासिल कर रही है। अपने साथ एक दर्जन महिलाओं को जोड़कर मोटे अनाज का काम शुरू कर दिया। आज सबीना और उनसे जुड़ी महिलाएं भी इस मोटे अनाज की पैकट बनाने में सहयोग करती है और अच्छी कमाई भी करती है। अमेजन पर आर्डर मिल रहा है।
पार्लर के हुनर से बना रही अपनी भविष्य
झंझरी के माझा तरहर की अंजली मौर्या ब्यूटी पार्लर का काम करती है। उनके पति खेती करते है। अंजली मौर्या बताती है कि वह अपने मेहनत के बदौलत लखपति दीदी बनकर उभरी है। उनका कहना है कि सौन्दर्य प्रसाधन से जुड़कर बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अपना स्वरोजगार स्थापित कर लिया है।
अगरबत्ती की खुशबू से महका रही समाज
पड़री कृपाल ब्लॉक क्षेत्र की रेनू मिश्रा अगरबत्ती के कारोबार से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि उनके पति की आकस्मिक मौत हो गई। इसके बाद वह स्वरोजगार से जुड़कर बेहतर काम कर रही है और अपनी बेटियों को पढ़ा कर बेहतर भविष्य बनाने में जुटी है। कहना है कि वह अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित करके स्वावलंबी बनाने में जुटी है। फिलहाल वह सालाना लाखों रुपये तक की बिक्री कर रही हैं। उनके साथ अन्य कई महिलाएं अगरबत्ती का काम भी कर रही हैं।
मल्टीग्रेन आटा बनाकर सुधार रही सेहत
बदलते समय में अब विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लोगों को कैसे बचाए और क्या खाए कि इन बीमारियों से बचने में मदद मिले। भदुआ तरहर गांव की सावित्री मल्टी ग्रेन आटा तैयार कर लोगों की सेहत सुधारने में मदद कर रही है। उनका कहना है कि मल्टी ग्रेन आटा खाने से सेहत अच्छी हो सकती है। क्योंकि खान पान अच्छा हो तो बीमारी कम होगी। इसलिए मक्के, जौ, बाजरा रागी कोदो चना के मिक्स करके बेचा जाता है। इसका ऑनलाइन ऑर्डर भी मिल रहा है।
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