केंद्रीय टीम ने बब्बर शेर भरत समेत 50 से अधिक सैंपल लिए
Gorakhpur News - नोट- इस खबर को लगाने का अनुरोध है। फोटो चिड़ियाघर के अंदर और बाहर

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद केंद्रीय टीम सोमवार को चिड़ियाघर पहुंची। बाड़ों का निरीक्षण कर बब्बर शेर भरत सहित 50 से अधिक सैंपल लिया। इनमें कई पक्षियों के बीट के सैंपल भी शामिल हैं। इसके अलावा तालाब, जानवरों के पीने वाले पानी, नहाने वाले पानी का भी सैंपल टीम ने लिया है। सभी सैंपल की जांच राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल से लेकर आईवीआरआई बरेली में होगी। इसके अलावा टीम ने कौओं की मौत वाली जगह पर पहुंचकर वहां का जायजा लिया। टीम की शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आई है कि संक्रमण की वजह से पक्षी या कौवे हो सकते हैं।
इसके बाद टीम ने जानवरों की मौत के बारे में डॉक्टरों से जानकारी हासिल कर इलाज की पूरी रिपोर्ट देखी। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की ओर से बनाई जांच कमेटी ने सोमवार को सुबह चिड़ियाघर पहुंचकर एक-एक बाड़ों का निरीक्षण किया। सबसे अधिक समय टीम ने पक्षियों के बाड़े के पास दिया। टीम का मानना है कि सदस्यों ने माना कि कहीं न कहीं कौवे या फिर पक्षी ही संक्रमण के कैरियर बन रहे हैं। ऐसे में पक्षियों को लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए। इसके बाद टीम ने बब्बर शेर भरत का सैंपल जांच के लिए लिया है। टीम मंगलवार को दूसरे वन्यजीवों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ कुछ और सैंपल ले सकती है। चिड़ियाघर में चार जानवरों की मौत के बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए), दिल्ली ने चिकित्सकों की टीम गठित बनाई है। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी, दिल्ली के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. विजय कुमार तेवतिया, राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार, आईवीआरआई, बरेली से वाइल्डलाइफ हेड डॉ. एम पावड़े और सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ. एम करिकलन शामिल हैं। दो हिस्सों में बंटी टीम, लिया एक-एक कोने का सैंपल टीम ने अपने आप को दो हिस्सों में बांट लिया था। पहली टीम में भोपाल और आईवीआरआई के लोग शामिल थे। जबकि, दूसरी टीम में दिल्ली और बरेली के लोग थे। भोपाल की टीम में शामिल सदस्यों ने चिड़ियाघर के बाहर के चारों इलाकों में पूरे दिन जानवरों के बीट का सैंपल इकट्ठा करते रहे। इसमें तारामंडल का सटा इलाका भी शामिल रहा। इसके अलावा दूसरी टीम चिड़ियाघर के अंदर जानवरों और पानी का सैंपल लिया। यहां तक रैंडम जांच में भरत के दो सैंपल लिए गए। इसके अलावा हिरण और उसके बाड़े के आसपास के सैंपल भी टीम ने लिए। टीम मंगलवार को निरीक्षण के बाद इसी तर्ज पर कानपुर चिड़ियाघर पहुंचकर जांच करेगी। वहां भी सैंपल लिया जाएगा। चिड़ियाघर में हो चुकी है चार जानवरों की मौत चिड़ियाघर में एक माह के अंदर चार बड़े जानवरों की मौत हो चुकी है। 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत सबसे पहले हुई थी। इसके बाद पांच मई को मादा भेड़िया भैरवी, सात को बाघिन शक्ति और आठ मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई थी। बाघिन शक्ति की मौत की वजह से बर्ड फ्लू हुई है। इसके बाद से ही पूरे प्रदेश में चिड़ियाघर बंद है। कल आएगी शासन की ओर से नामित टीम चिड़ियाघर में जानवरों की मौत ने हर ओर हड़कंप मचा दिया है। यही वजह है कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए शासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। जानवरों की मौत के बाद शासन ने भी एक टीम बनाई है। यह टीम 21 मई को चिड़ियाघर का दौरा करेगी। दो दिन रहकर जानवरों की मौत की जानकारी लेगी। साथ ही चिड़ियाघर के अस्पताल का निरीक्षण करते हुए अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेगी। टीम रिपोर्ट तैयार कर शासन में भेजेगी, जिससे की इस तरह की घटनाओं के कारणों को समय रहते रोका जा सके। टीम में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) से डॉ. पराग निगम, आईवीआरआई बरेली से डॉ. एम करिकलन, डब्ल्यूआईआई के रिटायर्ड हेड वाइल्डलाइफ हेल्थ और उत्तराखंड के रिटायर्ड प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. पीके मलिक शामिल हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।