Gangster Case Filed Against Fake Hospital Operators in Gorakhpur मरीज की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह पर गैंगस्टर, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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मरीज की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह पर गैंगस्टर

Gorakhpur News - गोरखपुर में एक गिरोह पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया है, जो मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर उनकी खरीद-फरोख्त कर रहा था। संचालक डॉ. प्रवीण सिंह ने फर्जी अर्पित हॉस्पिटल खोला था और उसके सहयोगियों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 5 May 2025 04:15 AM
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मरीज की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह पर गैंगस्टर

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। मेडिकल कॉलेज या दूसरे सरकारी अस्पतालों से मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर उनकी खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह पर गुलरिहा थाने में गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया है। संचालक डॉ. प्रवीण सिंह ने फर्जी तरीके से अर्पित हॉस्पिटल खोला था और अपने चार सहयोगियों की मदद से उसका संचालन पिछले पांच वर्ष से कर रहा था। जनवरी में देवरिया की एक महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच कर इस मामले का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने अस्पताल संचालक कथित डॉ. प्रवीण सिंह व सहयोगियों को जेल भेजा था। अब उन पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।

पुलिस अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है। जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को देवरिया जिले के सलेमपुर के भरौली निवासी लक्ष्मी देवी की शिकायत के बाद अवैध धंधे का मामला उजागर हुआ। लक्ष्मी देवी ने गुलरिहा थाने में दी तहरीर में बताया कि 17 जनवरी को देवरानी के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर 108 नंबर एंबुलेंस से बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंची थीं। यहां जगह नहीं मिलने पर चालक व इएमटी ने भय दिखाकर अर्पित हॉस्पिटल भेज दिया था। पांच दिन उपचार कराने के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ। संचालक ने 60 हजार रुपये भी वसूल लिए। रेफर करने को कहा तो डॉ. प्रवीण बच्चे को मारने धमकी दी। पुलिस ने केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरु की तो डॉ. प्रवीण के अवैध धंधे का पर्दाफाश हुआ। अर्पित हॉस्पिटल का संचालक डॉ. प्रवीण गिरोह का सरगना पुलिस ने संचालक देवरिया के बरहज थाना क्षेत्र के बेलदार गांव निवासी डॉ. प्रवीण को गिरोह का सरगना बनाया है। जबकि, एंबुलेंस चालक उरुवा बाजार के भवानीपुर निवासी मुनेंद्र कुमार, बिचौलिया चिलुआताल के मुंडेला निवासी अमन गुप्ता, सहजनवां के बनकटिया निवासी मिथिलेश गुप्ता और मैनेजर राजघाट के रायगंज रोड निवासी तुषार टेकरीवाल को सदस्य बनाया है। जांच में खुला था फर्जी डिग्री का खेल प्रकरण की जांच के दौरान ही पुलिस को पता चला था कि डॉ. प्रवीण लखनऊ में बैठे अपने साथी विवेक सिंह के साथ मिलकर फर्जी एमबीबीएस की डिग्री भी बनवाता था। उसने डॉ. साकिब, जिसकी एमएबीबीएस की डिग्री का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर अर्पित हॉस्पिटल को खोला था, को भी एमडी की डिग्री देने का झांसा देकर रुपये ऐंठ लिए थे। इस मामले में अलग केस दर्ज है, जिसमें पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसी के साथ यही भी पता चला था कि डॉ. प्रवीण की खुद की डिग्री भी फर्जी है। उसने रूस से डिग्री लिया था, जो भारत में मान्य ही नहीं है। ओटी टेक्नीशियन से बन गया डॉक्टर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि प्रवीन पहले शहर के एक हॉस्पिटल में ओटी टेक्नीशियन था। कोविड के समय उसने लाखों की कमाई की। इसके बाद फर्जी तरीके से अपना हॉस्पिटल खोला और एम्बुलेंस माफिया के साथ मिलकर मरीजों की खरीद-फरोख्त में जुट गया। वह खुद डॉक्टर बन गया और मरीजों का इलाज शुरू कर दिया। फर्जी तरीके से अर्पित हॉस्पिटल का संचालन कर मरीजों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह पर गुलरिहा थाने में गैंगस्टर का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इनके अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों का भी ब्योरा जुटा रही है। गैंगस्टर एक्ट के तहत उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। अभिनव त्यागी, एसपी सिटी

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