जीडीए के विस्तारित क्षेत्र में मास्टर प्लान का कब खत्म होगा इंतजार
Gorakhpur News - गोरखपुर विकास प्राधिकरण का मास्टर प्लान अब तक नहीं बना है, जिससे भू उपयोग निर्धारित नहीं हो पा रहा है। नई कंसल्टेंट फर्म का चयन जून तक होगा। प्राधिकरण का कहना है कि बड़े निर्माण के लिए मानचित्र पास...

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। गोरखपुर महायोजना 2031 मार्च 2024 में लागू हो गई लेकिन एक साल बाद भी गोरखपुर विकास प्राधिकरण के विस्तारित क्षेत्र का मास्टर प्लान अब तक नहीं बना सका है। नतीजतन भू उपयोग निर्धारित न होने से मानचित्र भी पास नहीं हो पा रहे हैं। असल में मास्टर प्लान बनाने के लिए शासन से चयनित अहमदाबाद की कंसल्टेंट फर्म की खराब प्रगति पर अनुबंध निरस्त कर दिया गया है। अब प्राधिकरण स्तर से नई कंसल्टेंट फर्म के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी करने की तैयारी है। प्राधिकरण का दावा है कि जून तक फर्म के चयन का काम पूरा हो जाएगा।
महायोजना लागू होने के एक साल गुजरने के बाद भी विस्तारित क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृत न किए जाने के सवाल खड़े हो रहे हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष का दावा है कि मास्टर प्लान तैयार होने तक इन क्षेत्रों में बड़े आवासीय एवं व्यावसायिक परियोजनाओं, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि के निर्माण के लिए भू उपयोग जारी होगा। मानचित्र भी पास किया जाएगा। संबंधित संस्था सभी औपचारिकताएं पूरी कराने के उपरांत महायोजना में चिन्हित भू उपयोग संबंधित निर्माण की अनुमति दी जाएगी। लेकिन व्यक्तिगत एवं छोटे निर्माण के लिए इंतजार करना होगा। प्राधिकरण का कहना है कि नई फर्म का चयन होने तीन से चार माह में मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया जाएगा। तीन नगर पंचायत समेत 233 राजस्व गांव हुए जीडीए में शामिल 2019 में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार में चौरीचौरा, कैंपियरगंज, सहजनवां और वाराणसी रोड के 233 राजस्व गांव और तीन नगर पंचायतें पीपीगंज, मुंडेराबाजार और पिपराइच शामिल है। इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं तैयार हो पाने की वजह से मार्च 2024 में लागू हुई प्राधिकरण की नई महायोजना 2031 में विस्तारित क्षेत्र का भू-उपयोग नहीं निर्धारित किया जा सका। जीडीए में पहले से शामिल क्षेत्रों का मास्टर प्लान साल 2017 में ही न चुका था। इन्हें महायोजना 2031 में इन्हें भाग ‘क के रूप में शामिल कर उनका भू उपयोग भी निर्धारित किया गया। नए विस्तारित क्षेत्र को महायोजना में भाग ख में दर्ज कर हुआ। भाग ख में शामिल क्षेत्रों का मास्टर प्लान नहीं होने से भू-उपयोग निर्धारण न होने से मानचित्र भी पास नहीं हो रहे हैं। ‘‘ जीडीए के नए विस्तारित क्षेत्र के मास्टर प्लान के लिए नई कंसल्टेंट फर्म का जल्द चयन होगा जिसके लिए आरएफपी जारी होगी। जून के बाद तीन से चार माह में इन क्षेत्रों का मास्टर प्लान भी तैयार हो जाएगा। इस अवधि में बड़े आवासीय व व्यावसायिक निर्माण के लिए आवेदन मिला तो उसका मानचित्र पास कराया जाएगा। बाद में मास्टर प्लान के निर्माण के समय निर्माण के हिसाब से भू-उपयोग सुनिश्चित कराया जाएगा। - आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए
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