खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी: 244 काश्तकारों को ब्याज संग मिलेगा 57 करोड़ रुपये बढ़ा मुआवजा
Gorakhpur News - गोरखपुर विकास प्राधिकरण 244 काश्तकारों को अधिग्रहित जमीन के लिए 57 करोड़ रुपये का मुआवजा देगा। पहले 16.43 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिलता था, अब यह बढ़कर 48.75 लाख प्रति हेक्टेयर और 15% ब्याज...

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता गोरखपुर विकास प्राधिकरण, राजस्व ग्राम जंगल सिकरी उर्फ खोराबार और खोराबार उर्फ सूबा बाजार में अधिग्रहित जमीन के 244 काश्तकारों को ब्याज के साथ 57 करोड़ रुपये बढ़ा हुआ मुआवजा देगा। अदालत के आदेश उपरांत गोरखपुर विकास प्राधिकरण को विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने 15 मार्च तक के लिए ब्याज संग मुआवजे की गणना कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उम्मीद है कि जल्द ही प्राधिकरण यह मुआवजे की यह रकम लारा कोर्ट में जमा कराएगा ताकि काश्तकारों में उनके रकबे के हिसाब से वितरित किया जा सके।
दो दशक पूर्व राजस्व ग्राम जंगल सिकरी उर्फ खोराबार 16.95 हेक्टेयर और राजस्व ग्राम खोराबार उर्फ सूबा बाजार 12.33 हेक्टेयर जमीन कुल 29.28 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की। तब प्राधिकरण ने 16.43 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया। मुआवजे की दर को लेकर काश्तकार भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुर्न व्यवस्थापन प्राधिकरण (लारा कोर्ट) में चले गए थे। लारा कोर्ट के न्यायाधीश उदय भान सिंह की अदालत में काश्तकारों ने अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह के जरिए बढ़े मुआवजा की मांग के लिए मुकदमा दाखिल किया। चंद्रभान सिंह और सुरेश पासवान बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के नाम से हुए दोनों मुकदमों में क्रमश: 87 और 157 काश्तकार शामिल हुए। न्यायाधीश उदय भान सिंह ने तत्परता से सुनवाई की। जिससे लारा कोर्ट ने 29 जनवरी को मुआवजे को लेकर निर्णय ले लिया। अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट ने काश्तकारों की जमीनों पर प्राधिकरण के कब्जे वाली तिथि से 15 फीसदी ब्याज के साथ राजस्व ग्राम जंगल सिकरी उर्फ खोराबार के लिए 48.18 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और राजस्व ग्राम खोराबार उर्फ सूबा बाजार के लिए 48.75 लाख प्रति हेक्टेयर तय की। यह भी कहा कि कब्जा की तिथि से प्राधिकरण ब्याज भी देगा। अधिग्रहीत भूमि पर प्राधिकरण खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना विकसित कर रहा है। जमीन पर प्राधिकरण ने 2006 से ही कब्जा लेना शुरू किया था जो साल 2012 तक चली।
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी 17 मार्च को सौंपी प्राधिकरण को रिपोर्ट
इस बीच 20 फरवरी जीडीए बोर्ड बैठक में बढ़े हुए मुआवजे को लेकर बनी सहमति के बाद प्राधिकरण ने गणना के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय को भेज दिया। पूर्व में भुगतान की गई धनराशि का समायोजन करते हुए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने 57 करोड़ रुपये से अधिक की रकम बढ़े हुए मुआवजे और उसके ब्याज के आधार पर तय की। अपनी रिपोर्ट 17 मार्च को ही प्राधिकरण को सौंप दी।
कमिश्नर से मिल बढ़ा मुआवजा काश्तकारों में भुगतान की अपील
अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की गणना रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दिए जाने के बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन एवं प्राधिकरण के कार्यवाहक सचिव से मुलाकात की है। इसके अलावा 15 अप्रैल को प्रतिनिधि मण्डल के साथ कमिश्नर अनिल ढींगरा से भी मुलाकात कर प्राधिकरण को अदालत में मुआवजे की बढ़ी धनराशि जमा कराने की मांग की है। ताकि काश्तकारों को जल्द भुगतान किया जा सके।
अच्छी खबर
-विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने मुआवजे की गणना प्राधिकरण को सौंपी रिपोर्ट
-29.28 हेक्टेयर जमीन जंगल सिकरी उर्फ खोराबार और खोराबार उर्फ सूबा बाजार हुई थी अधिग्रहित
-16.43 लाख प्रति हेक्टेयर था मुआवजा, अब 48.75 लाख प्रति हेक्टेयर और 15 फीसदी ब्याज भी मिलेगा
-अधिग्रहित जमीन पर खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी विकसित कर रहा प्राधिकरण
‘‘बोर्ड बैठक में कोर्ट के निर्णय के मुताबिक बढ़े मुआवजे के भुगतान पर पहले ही सहमति बन गई है। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के यहां से आगणन भी आ गया है। चूकि खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी परियोजना में मालिकाना हक वाले मामले में कुछ किसान बढ़े मुआवजे वाले फैसले में भी शामिल हैं। ऐसे में उनके सत्यपान और मालिकाना हक पर निर्णय उपरांत बढ़ा मुआवजा पर निर्णय लिया जाएगा।
आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, गोरखपुर विकास प्राधिकरकण
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