18 की जगह 14 कैरेट का आभूषण, दो ज्वेलर्स की लाइसेंस निरस्त
Gorakhpur News - भारतीय मानक ब्यूरो ने फरवरी में लिया था सैंपल, जांच में हुई पुष्टि हिन्दी बाजार

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आभूषणों की शुद्धता को लेकर भले ही तमाम कवायद की जा रही हो लेकिन धंधेबाज गोलमाल करने से नहीं चूक रहे हैं। मानक के विपरीत आभूषण की बिक्री पर बीआईएस ने शहर के दो ज्वेलर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। इन पर आरोप है कि सोने के आभूषण पर 18 कैरेट का चिह्न लगाकर 14 कैरेट का बिक्री कर रहे थे। बीआईएस की कार्रवाई से लेकर हिन्दी बाजार, गोलघर, असुरन, आजाद चौक, मोहद्दीपुर से लेकर कस्बाई इलाकों में सराफा कारोबारियों में हड़कंप है।
जानकार बताते हैं कि पिछले फरवरी महीने में बीआईएस ने ज्वेलरी की दो दुकानों से सैंपल लिया था। दोनों दुकानें बीआईएस में पंजीकृत है। जांच में पता चला कि जिस आभूषण को 18 कैरेट का बताकर बेचा जा रहा था, वह सिर्फ 14 कैरेट का था। जिसके बाद दोनों दुकानदारों को दो नोटिस भेजा गया। जिसका दुकानदारों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ई-मेल के साथ पोस्ट के जरिये लाइसेंस निरस्त करने की सूचना दी गई। ऐसे में मार्च के अंतिम सप्ताह में दोनों दुकानों का बीआईएस पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। अब विभाग दुकान का माल सीज करने की तैयारी में है। बता दें कि सोने के आभूषणों पर गलत हालमार्किंग कर बिक्री का मामला पहले भी उजागर हो चुका है।
सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा का कहना है कि लोगों को शुद्ध आभूषण मिले इसके लिए ज्वेलर्स संकल्पित है। भारतीय मानक ब्यूरो का शहर से लेकर देहात के सभी दुकानों का रजिस्ट्रेशन करना चाहिए। जिससे लोगों मानक वाला आभूषण मिले।
20 फीसदी ने ही लिया है बीआईएस से रजिस्ट्रेशन नंबर
नये नियमों के लागू होने के बाद कोई भी दुकानदार बिना हालमार्किंग वाला आभूषण नहीं बेच सकता है। लेकिन गोरखपुर जिले में बमुश्किल 20 फीसदी दुकानदार ही वैध काम कर रहे हैं। जिले में करीब 6000 ज्वेलरी की दुकानें हैं। इनमें से बमुश्किल 1000 ने ही बीआईएस से रजिस्ट्रेशन नंबर लिया है। इन दुकानों पर बिकने वाले आभूषणों की हालमार्किंग शहर के चार सेंटरों पर होती है।
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