Grandson Fakes Grandfather s Death for Pension Fraud in Gorakhpur दादा के निधन के बाद भी आठ महीने तक जिंदा दिखा ली पेंशन, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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दादा के निधन के बाद भी आठ महीने तक जिंदा दिखा ली पेंशन

Gorakhpur News - गोरखपुर में एक सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी के पौत्र ने अपने दादा की पेंशन के लिए आठ महीने तक उन्हें कागज पर जिंदा रखा। आरोप है कि दादा की मौत के बाद भी उसने पेंशन निकालता रहा और फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरFri, 18 April 2025 05:44 AM
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दादा के निधन के बाद भी आठ महीने तक जिंदा दिखा ली पेंशन

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी के पौत्र ने अपने दादा की पेंशन हासिल करने के लिए कागज में उन्हें आठ महीने तक जिंदा रखा। आरोप है कि दादा की मौत के बाद भी आठ महीने तक पेंशन निकालता रहा। बाद में कूटरचित मृत्यु प्रणामपत्र बनवा कर दाखिल कर दिया। विभाग की तरफ से फिलहाल कोई शिकायत नहीं आई है लेकिन गांव के एक व्यक्ति ने पौत्र की इस करतूत को पुलिस के सामने उजागर किया है। एसपी नार्थ ने सीओ गीडा को मामले की जांच सौंपी है। गीडा इलाके के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति सेना से सेवानिवृत्त होकर अपने गांव में रहते थे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आठ मई 2021 को उनका निधन हो गया पर पेंशन लेने के लिए उनका पौत्र उन्हें कागज में जिंदा रखा। उसने नौ जून 2021 की तारीख में पहला मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया। हालांकि इसे विभाग में जमा नहीं किया और पेंशन रिलीज कराता रहा। पेंशन एसबीआई के खाते में आती थी। पौत्र एटीएम से पेंशन की रकम निकालता रहा।

हालांकि बाद में जब उसे लगा कि वह पकड़ा जा सकता है तब उसने 16 जुलाई 2022 की तारीख का एक मृत्यु प्रमाणपत्र मुरादाबाद के पते पर बनवाया। शिकायकर्ता के दावे के बाद एसपी नार्थ ने जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने सीओ गीडा को पूरी मामले की जांच सौंपी है। इस मामले में पुलिस न सिर्फ गांव जाकर लोगों का बयान दर्ज करेगी बल्कि यह भी पता करेगी कि आखिर मुरादाबाद के पते पर मृत्यु प्रमाणपत्र कैसे बन गया। फिलहाल जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पुलिस इसमें आगे की कार्रवाई करेगी।

दिसम्बर में जिंदा होने का सबूत नहीं दे पाया तब बंद हो गई पेंशन

आठ मई 2021 को दादा की मौत के बाद दिसम्बर तक पौत्र ने पेंशन ली। दिसम्बर में पेंशनधारियों का सत्यापन होता है जिसमें उन्हें खुद को जीवित होने का प्रमाणपत्र देना पड़ता है। ऐसे में पौत्र के लिए यह संभव नहीं हो पाया था। दिसम्बर में सत्यापन के बाद ही अगले महीने की पेंशन मिलती, लिहाजा पेंशन बंद हो गई हालांकि उसने मुरादाबाद से जुलाई 2022 को मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया पर बाकी के महीने का अभी पेंशन नहीं मिल पाया है।

कोट

एक व्यक्ति ने गांव के एक युवक की शिकायत की है कि वह अपने मरे हुए दादा को जिंदा बताकर आठ महीने तक पेंशन लेता रहा। शिकायत की जांच कराई जा रही है। जांच में आरोप सही मिले तो कार्रवाई की जाएगी।

-जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी नार्थ

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