दूध के संकट से जूझ रही पराग डेयरी, किसानों का बकाया
Gorakhpur News - जैतपुर के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने लखनऊ में 19 दुग्ध संघों के महाप्रबंधकों की समीक्षा की। गोरखपुर की महाप्रबंधक को चेतावनी दी गई है। पराग डेयरी को करोड़ों का बकाया है और यूनिट बंदी के कगार पर है।...

जैतपुर, हिन्दुस्तान संवाद। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को लखनऊ में प्रदेश के सभी 19 दुग्ध संघों के दुग्ध महाप्रबंधकों से उनके कार्यों की समीक्षा के दौरान गोरखपुर की महाप्रबंधक को भी चेतावनी दी है। मंत्री की चेतावनी है कि दुग्ध संघों के महाप्रबंधकों को इसका नुकसान वहन करना होगा और अब उनके कामकाज को लेकर उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। हालांकि चेतावनी के बीच हकीकत यह है कि पराग डेयरी की यूनिट बंदी के कगार पर पहुंच गई है। पराग डेयरी पर करोड़ों रुपये का बकाया है। करीब 2.5 करोड़ रुपये के बकाये में अयोध्या की पराग डेयरी भी दूध की आपूर्ति नहीं कर रही है। अयोध्या से उतनी दूध की आपूर्ति हो रही है, जितना एडवांस भेजा जा रहा है। प्रतिदिन 1500 से 2000 लीटर दूध अयोध्या से मंगाया जा रहा है। जैसे तैसे अयोध्या से दूध मंगाकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आरपीएसएफ, एम्स, स्पोर्ट्स कॉलेज के साथ जिला अस्पताल को दूध के साथ पनीर की आपूर्ति हो रही है।
पराग डेयरी को स्थानीय किसानों से 700 से 1000 लीटर तक दूध मिल रहा है। पराग डेयरी प्रबंधन का कहना है कि अयोध्या से जितने दूध का नकद में भुगतान होता है, उतना ही दूध मिलता है। वर्ष 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने में हुई जनसभा के दौरान पराग डेयरी के प्लांट की 125 करोड़ की अत्याधुनिक मशीन का वर्चुअल लोकार्पण किया था, तो बेहतरी की उम्मीद जगी थी। लेकिन एक लाख लीटर क्षमता वाले प्लांट के लिए दूध नहीं मिला।
कर्मचारियों को वेतन नहीं
पराग डेयरी में संघ के 20 कर्मचारियों को घाटे के चलते पिछले डेढ़ साल से वेतन नहीं मिला है। वेतन पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये बकाया है। बीमारी में समय से भुगतान नहीं होने से एक कर्मचारी की मौत का दावा भी उत्पादन संघ के लोग कर रहे हैं। वहीं किसानों का करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये बकाया है।
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