डीएम ने कागजों में मृत दर्शा रखी वृद्धा को सचिव से दिलाए 12 हजार रुपये
Hapur News - समाधान दिवस लाइव::::: डीएम ने समाधान दिवस में सैकेट्री से दिलाए 12 हजार -जमीन के विवाद में हड़बड़ाए लेखपाल तो तहसीलदार से बोले कि बीपी बढ़ गया, इन्हे

सप्ताह में शनिवार को आयोजित होने वाला समाधान दिवस आज बदला बदला नजर आ रहा था। मेरठ से आए डीएम आज पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे थे। अलर्ट मोड में डीएम ने शिकायत के लिए पहुंची वृद्धा की बात सुनी। सरकार की जनकल्याणकारी योजना वृद्धा पेंशन महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही हो, लेकिन सिस्टम के लापरवाह सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता की वजह से गांव महम्मदपुर निवासी वृद्धा पेंशनधारक महिला एक साल से अफसरों के चक्कर लगाकर अपना जिंदा होने का सबूत दे रही है, क्योंकि ग्राम सचिव ने वृद्धा महिला को एक साल पहले कागजों में मृत घोषित कर दिया।
डीएम ने ग्राम सचिव को जमकर फटकार लगाई और एक साल की पेंशन ग्राम सचिव के निजी धन से महिला को दिलाए। ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर निवासी बुजुर्ग महिला किरन को वृद्धा पेंशन मिलती है। बीते एक साल पहले महिला का सत्यापन ग्राम पंचायत सचिव द्वारा कराया गया। लेकिन सचिव ने मौके पर जाए बिना ही महिला का सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट लगा दी। जिसमें बुजुर्ग महिला को सचिव ने मृत घोषित कर दिया। पोर्टल पर भी महिला को मृत घोषित कर पेंशन को बंद कर दिया गया। एक साल से पेंशन न मिलने पर महिला ने विभाग के चक्कर लगाने शुरू किए। इसके बाद महिला को पोर्टल पर मृत घोषित होने की जानकारी मिली। तब से महिला दर-दर की ठोकर खाने के बाद शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची और खुद का जीवित होने का प्रमाण दिया। महिला ने कहा कि पेंशन बुजुर्गो की आजीविका चलाने का साधन है, जिसे एक साल पहले बंद कर दिया। इसपर डीएम अभिषेक पांडेय ने बीडीओ हापुड़ को फटकार लगाई और ग्राम सचिव कृष्ण कुमार को तुरंत मौके बुलाया गया। डीएम ने ग्राम सचिव को भी जमकर लताड़ लगाई। ग्राम सचिव ने डीएम के समक्ष ही अपनी गलती स्वीकार की। जिसपर डीएम ने कहा कि इस महिला की भरपाई कौन करेंगा, जिसपर ग्राम सचिव ने अपने निजी खाते से 12 हजार रूपए निकालकर महिला को उसकी एक साल की पूरी पेंशन दी। डीएम के सराहनीय कदम ही हर तरफ चर्चा हो रही है। -------------------------------------------- पांच शिकायतों में सिमटा समाधान दिवस, लेकिन अफसरों के छूटे पसीने: डीएम अभिषेक पांडेय की अध्यक्षता वाले समाधान दिवस में फरियादियों का तांता लगा रहा। 44 फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंचे, इसमें पांच शिकायतों का मौके पर निस्तारण हो सका। लेकिन पूरे समाधान दिवस में अफसरों के पसीने छूटते रहे। डीएम ने एक-एक फरियादी की समस्या को ध्यान से सुना। जिनकी शिकायते पुरानी थी, उन विभागों के अधिकारियों से डीएम ने जवाब तलब किए। लेकिन कोई भी अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। ऐसे में डीएम ने एक-एक कर अधिकारियों की क्लास लगाई। ---------------------------------------------- अब नगर पालिका के सभागर में लगेगा समाधान दिवस: डीएम अभिषेक पांडेय ने कहा कि एसडीएम कार्यालय सभागर में स्थान काफी कम है, ऐसे में संपूर्ण समाधान दिवस को पुन: नगर पालिका के सभागर में लगाया जाए। उन्होंने आगामी समाधान दिवस का पालिका के सभागर में आयोजन करने के निर्देश दिए। ----------------------------------------------- अपनी सीटों से नदारद रहे अधिकारी: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक छत के नीचे सभी विभागों के अधिकारी लोगों की शिकायत सुन उसका निस्तारण कर सकें, इसके लिए संपूर्ण समाधान दिवस शुरू किया था। लेकिन कुछ अधिकारी समाधान दिवस को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए वह समाधान दिवस में आते है, लेकिन अपनी डायरी कुर्सी पर रखकर नदारद रहते है। ऐसे में लोगों को मौके पर न्याय नहीं मिल पाता है।
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