हापुड़ के तीन बेटों ने माउंट एवरेस्ट ऐवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा
Hapur News - हापुड़ के संजय त्यागी, हरेंद्र त्यागी और धर्मेंद्र त्यागी ने 13 अप्रैल को माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर को फतह किया। तीनों ने 50 वर्ष की आयु के बाद यह सफलता प्राप्त की। उन्होंने 10 अप्रैल को नागार्जुन...

हापुड़ निवासी संजय त्यागी, हरेंद्र त्यागी व धर्मेंद्र त्यागी कैली ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी सागरमाथा यानि माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर (ऐवरेस्ट बेस कैंप)- (5364 मीटर) 13 अप्रैल व काला पत्थर पीक (5644 मीटर) को 12 अप्रैल को फतह किया। तीनों पर्वतारोहियों ने माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर पर तिरंगा फहराया। यह तीनों पर्वतारोही 50 साल से अधिक आयु के है। हापुड़ से 3 अप्रैल को एवरेस्ट बेस कैंप फतेह के लिए प्रस्थान करने वाले हापुड़ निवासी संजय त्यागी, हरेंद्र त्यागी व धर्मेंद्र त्यागी कैली ने 10 अप्रैल को नागार्जुन पीक (5089 मीटर), 12 अप्रैल को काला पत्थर (5644 मीटर) व 13 अप्रैल को एवरेस्ट बेस कैंप (5364 मीटर) फतेह किया। विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी सागरमाथा यानि माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) को जाने वाले वैश्विक पर्वतारोहियों का आधार शिविर यही एवरेस्ट बेस कैंप है, जिसका उपयोग उक्त पर्वतारोही एक्लेमेटाइजेशन के लिए करते है।
ऐवरेस्ट पर्वतारोही नेपाल के काठमांडू से लेकर एवरेस्ट बेस कैंप रूट का उपयोग शारीरिक अनुकूलन के लिए करते है और विभिन्न चरणों में दुर्गमतम ईबीसी पर दो-दो महीने तक एक्लेमेटाइजेशन के लिए रहकर शारीरिक अनुकूलन करते हैं। इस सफलता के साथ ही हापुड़ के बेटों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट के बेस कैंप पर चढ़ाई करने वाले हापुड़ पर्वतारोहण के इतिहास में मील का पत्थर स्थापित कर दिया है। एवरेस्ट बेस कैंप को फतह करने की संजय त्यागी, हरेंद्र त्यागी व धर्मेंद्र त्यागी की असाधारण उपलब्धि पर हापुड़ को बेहद गर्व है। यह उनकी यात्रा दृढ़ता, सावधानीपूर्वक तैयारी और अटूट दृढ़ संकल्प की भावना का प्रमाण है।
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