सरकारी सुस्ती से रुकी दो करोड़ 10 लाख की वसूली
Hardoi News - हरदोई में 30 ग्राम पंचायतों से 2 करोड़ 10 लाख 28 हजार 876 रुपये की वसूली आदेश उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित कर दिए गए हैं। लेखा परीक्षा के दौरान अनियमितताओं के कारण वसूली नोटिस जारी किए गए थे। अब ग्राम...

हरदोई, संवाददाता। सरकारी विभागों की सुस्त कार्यप्रणाली से 30 ग्राम पंचायतों से दो करोड़ 10 लाख 28 हजार 876 रुपये की वसूली आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा वसूली नोटिसों के विरुद्ध स्थगनादेश जारी किए जाने के बाद वसूली की जद में आने वाले ग्राम प्रधानों को राहत है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में लेखा परीक्षा विभाग ने 30 ग्राम पंचायतों में दो करोड़ 10 लाख 28 हजार 876 रुपये की अनियमितताएं पकड़ी थीं, जिसके चलते ग्राम पंचायतों के विरुद्ध वसूली नोटिस जारी किए गए थे। इसमें बिलग्राम विकास खंड की धोंधी ग्राम पंचायत पर 1167857 रुपये, दुर्गागंज पर 731906 रुपये, नेकपुर हातिमपुर पर 662253 रुपये, हसनापुर गुरौली 1326877 रुपये, कछौना विकास खंड की बघौड़ा के विरुद्ध 1720096 रुपये, बालामऊ पर 2912254 रुपये, कोथावां विकास खंड की रायपुर सोमवंशी गरमनदनापुर पर 1408165 रुपये, भीखमपुर ऐमा पर 1438717 रुपये, पर ऊगपुर पर 800775 रुपये, हरियावां विकास खंड की रहीमपुर पर 928942 रुपये, भरखनी की पिपरिया पर 1238232 रुपये, मल्लावां की मुस्तफाबाद 735536 रुपये, नयागांव पर 53500 रुपये, माधौगंज की करवां पर 68900 रुपये, जरवा पर 283219 रुपये, मोहब्बतपुर पर 331273 रुपये, ठठिया नारायनामऊ पर 207145 रुपये, मगरहा पर 64950 रुपये, बलेहरा कमालपुर पर 188285 रुपये, कमकापुर उबरिया पर 2265508 रुपये, भरखनी विकास खंड की बहाउद्दीनपुर पर 1224328 रुपये सहित सभी 30 ग्राम पंचायतों के विरुद्ध दो करोड़ 10 लाख 28 हजार 876 रुपये का वसूली नोटिस जारी किया गया था।
वसूली आदेश जारी करने में देरी बनी स्थगनादेश का आधार नियमानुसार ऑडिट के उपरांत पंचायतों द्वारा करवाए गए कार्यों में गड़बड़ी अथवा वित्तीय अनियमिता मिलती है तो संबंधित लेखा परीक्षक को जिम्मेदारों को जानकारी देते हुए संबंधित कार्य के अभिलेख मांगे जाते हैं। अगर पंचायत अभिलेख उपलब्ध करवाने में नाकाम रहती है तो ऑडिट रिपोर्ट में वसूली की संस्तुति की जाती है। पंचायती राज अधिनियम के अनुसार संबंधित ग्राम पंचायतों को अधिकतम चार वर्ष की सीमा में ऑडिट आपत्ति अथवा वसूली नोटिस जारी करने की सूचना देनी होती है। कोट::: माननीय न्यायालय का आदेश प्राप्त हुआ है। देश का अनुपालन किया जाएगा। न्यायालय के आदेश के क्रम में क्या किया जा सकता है, इसको लेकर विभागीय उच्चाधिकारियों एवं एवं स्टैंडिंग काउंसिल से विचार विमर्श किया जा रहा है। - विनय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।