Justice Yashwant Verma took oath as the new judge in Allahabad High Court he was in news after the recovery of notes कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा ने ली शपथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट में बनाए गए नए जज, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा ने ली शपथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट में बनाए गए नए जज

नोट बरामदगी के बाद चर्चा में आए जस्टिस यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए जज के रूप में शपथ ग्रहण कर ली। जस्टिस वर्मा का दिल्ली हाईकोर्ट से यहां ट्रांसफर किया गया है।

Yogesh Yadav प्रयागराज हिन्दुस्तान टाइम्सSat, 5 April 2025 04:04 PM
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कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा ने ली शपथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट में बनाए गए नए जज

नोट बरामदगी के मामले के बाद चर्चा में आए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण कर ली। हालांकि उन्हें तब तक कोई न्यायिक कार्य नहीं दिया जाएगा, जब तक उनके खिलाफ चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती है। बताया जाता है कि मुख्य न्यायाधीश के चेंबर में न्यायमूर्ति को शपथ दिलाई गई। शपथ के बाद हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में उनका नाम भी शामिल हो गया है। सूची में जस्टिस वर्मा का नाम नौवें स्थान पर दर्शाया गया है। नोट बरामदगी का मामला सामने आने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया था। हालांकि दिल्ली में कानून मंत्री से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद आम लोगों के हित में हड़ताल वापस ले ली गई थी।

पिछले महीने होली के अवसर पर न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली आवास के बाहरी हिस्से में आग लग गई थी। नोट के मामले का खुलासा आग बुझाने के लिए गए पहुंचे अग्निशमन दल ने किया था। इसका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। इसी के बाद न्यायमूर्ति वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। हालांकि न्यायमूर्ति ने आरोपों से इनकार किया और उन्हें फंसाने की साजिश बताया था।इसके बाद मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने 22 मार्च को एक आंतरिक जांच शुरू की और न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों का पैनल भी बनाया है। इसी बीच कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद भेजने की सिफारिश कर दी।

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शपथ रोकने के लिए दायर हुई थी पीआईएल

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में तीन दिन पहलेे ही बुधवार को एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए मांग की गई है कि मुख्य न्यायमूर्ति को निर्देश दिया जाए कि दिल्ली हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर आए जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज के रूप में शपथ न दिलाई जाए। फिलहाल याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है।

याचिका विकास चतुर्वेदी की ओर से दाखिल की गई। उनके अधिवक्ता अशोक पांडेय की दलील है कि जिस जज को स्वयं सीजेआई ने कहा है कि उसे कैश स्कैंडल में जांच पूरी होने तक न्यायिक काम न दिया जाय, उसे बतौर जज शपथ कैसे दिलायी जा सकती है। याची ने केंद्र सरकार द्वारा गत 28 मार्च को जारी उस नेाटिफिकेशन को भी चुनौती दी है, जिसमें केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की उस संस्तुति को मान लिया था जिसमें जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित करने को कहा गया था।