ब्रेन डेड युवक ने दी लिवर के मरीज को जिंदगी
Lucknow News - केजीएमयू में 28 वर्षीय संदीप कुमार के ब्रेन डेड होने के बाद उनके परिजनों ने अंगदान की सहमति दी। संदीप का लिवर एक 33 वर्षीय लिवर सिरोसिस पीड़ित मरीज में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। डॉक्टरों ने...

केजीएमयू में ब्रेन डेड मरीज ने लिवर के गंभीर रोगी को नया जीवन दिया। 28 साल के संदीप कुमार के ब्रेन डेड होने के बाद उसके परिजनों ने अंगदान की सहमति दी थी। इसके बाद संदीप के लिवर दान की प्रक्रिया की गई। एक गंभीर मरीज में उसका लिवर प्रत्यारोपित किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत स्थिर है। आईसीयू में मरीज की सेहत की निगरानी की जा रही है। लखनऊ के माल स्थित बहरौरा गांव निवासी 28 वर्षीय संदीप कुमार कैटरिंग का काम करते थे। पिता बसंत किसान हैं। माता मंजू देवी गृहणी हैं। दो भाई और एक बहन हैं। 14 अप्रैल को संदीप सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके सिर और शरीर के दूसरे अंगों में गहरी चोट आई थी। नाजुक हाल में उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था। प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि इलाज के बावजूद मरीज की सेहत में सुधार नहीं हुआ। वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने टीम ने जरूरी एपनिया जांच कराई। फिर केजीएमयू की 21 अप्रैल को ब्रेन डेथ कमेटी ने मरीज की सेहत की जांच की। संदीप को ब्रेन डेड घोषित किया।
लिवर सिरोसिस पीड़ित की बचाई जान
ट्रांसप्लांट को-ओर्डिनेटर पीयूष श्रीवास्वत और क्षितिज वर्मा ने संदीप के परिवारजानों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। काफी समझाने-बुझाने के बाद माता-पिता, भाई व परिवार के दूसरे सदस्य संदीप के अंगदान को राजी हो गए। मंगलवार को सुबह परिवारीजनों की सहमति मिलने के बाद अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई। डॉक्टरों की टीम ने ब्रेन डेड संदीप का लिवर सफलतापूर्वक निकाला, जिसे लिवर सिरोसिस से पीड़ित 33 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। प्रत्यारोपण के बाद मरीज की सेहत स्थिर बनी हुई है। आईसीयू में विशेषज्ञों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि चिकित्सा कारणों से किडनी और कार्निया अंगदान के लिय उपयुक्त नहीं पाए गए। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में 29 वें ब्रेन डेड मरीज का अंगदान किया गया।
प्रत्यारोपण में शामिल टीम
सर्जिकल ग्रेस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चंद्रा ने लिवर प्रत्यारोपण की अगुवाई की। डॉ. उत्कर्ष श्रीवास्तव, डॉ. महेश, डॉ. संजय, डॉ. रोहित, डॉ. दीबन, सीएमएस डॉ. बीके ओझा, डॉ. बीबी कुशवाहा, एनस्थीसिया विभाग डॉ. मोहम्मद परवेज, डॉ. मोनिका कोहली, डॉ. जिया अरशद, डॉ. राजेश रमन, डॉ. तन्वी भार्गव, ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की डॉ. तूलिका चंद्रा ने ट्रांसप्लांट में सहयोग किया। प्रवक्ता ने बताया कि ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के सभी रेजिडेन्ट डॉक्टर सहित विभाग के 50 से अधिक ओटी, आईसीयू और वार्ड नर्सों व कर्मचारियों ने सहयोग प्रदान किया।
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