फर्जी एनबीडब्लू पर सगे भाइयों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
Lucknow News - लखीमपुर खीरी में दो सगे भाइयों को गैर जमानतीय वारण्ट पर गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान पता चला कि वारण्ट फर्जी था। जांच में यह भी सामने आया कि पुलिस ने गलत तरीके से वारण्ट का इस्तेमाल किया...

गैर जमानतीय वारण्ट जारी होने पर लखीमपुर खीरी से सगे भाइयों को गिरफ्तार कर न्यायालय में हाजिर किया गया। सिपाहियों की अभिरक्षा में कोर्ट पहुंचे भाइयों के साथ एनबीडब्लू की कॉपी प्रस्तुत की गई। कोर्ट में रिकार्ड खंगाले जाने पर पता चला कि जिनकी गिरफ्तारी हुई है। उनके खिलाफ एनबीडब्लू तो जारी ही नहीं हुआ। गहनता से पड़ताल किए जाने पर एनबीडब्लू फर्जी होने का पता चला। जिसके आधार पर सिविल जज एफटीसी में तैनात कार्यालय लिपिक ने वजीरगंज कोतवाली में सोमवार को मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने फर्जी वारण्ट पर कर लिया गिरफ्तार गोली खीरी छोटेलालपुर निवासी प्रेमचंद्र और उसके भाई मुन्नालाल को खीरी पुलिस ने गैर जमानतीय वारण्ट जारी होने पर गिरफ्तार किया था।
29 अप्रैल को सिविल जज (जूडि) एफटीसी महिलाओं के विरुद्ध अपराध की कोर्ट में गोला थाने में तैनात सिपाही विशाल गौतम और पंकज कुमार ने सगे भाइयों को पेश किया। गिरफ्तारी के सम्बंध में एनबीडब्लू और सम्मन की कॉपी प्रस्तुत की गई। जिसे देख कर न्यायालय कर्मी भी हैरत में पड़ गए। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ तो कोर्ट से वारण्ट ही जारी नहीं हुआ। पता चला कि पुलिस ने फर्जी वारण्ट के आधार पर सगे भाइयों की गिरफ्तारी की है। स्पीड पोस्ट से एसपी खीरी को भेजा गया था वारण्ट कोर्ट में आए हैरतअंगेज मामले की जांच शुरू हुई। छानबीन में पता चला कि 15 अप्रैल 2025 को स्पीड पोस्ट से एसपी खीरी को फर्जी एनबीडब्लू और सम्मन भेजा गया था। जिसमें प्रेषक के तौर पर न्यायालय का नाम पड़ा था। लिपिक शुभम कुमार ने पुलिस को बताया कि विभागीय रिकार्ड खंगालने पर पता चला कि 12 अप्रैल की तारीख सम्मन में पड़ी है, जबकि उस दिन कोर्ट बंद था। निगोहां और हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे का हवाला एनबीडब्लू में निगोहां थाने में दर्ज मुकदमे 345/2024 का जिक्र था। इसके साथ ही हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमा संख्या 25/2024 भी दर्शाया गया था। जांच में जानकारी मिली कि निगोहां थाने में वर्ष 2024 में 345 अपराध संख्या पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। वहीं, हजरतगंज में जो मुकदमा दर्शाया गया है। वह टीएसआई सुधीर बाबू ने ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ दर्ज कराया था।
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