लपटों और धुएं के गुबार में जान बचाने की जंग
Lucknow News - अस्पताल में आग लगने के दौरान मरीज, तीमारदार और दमकल कर्मी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। महिला वार्ड में लपटों और धुएं से लोग भागते नजर आए। कई मरीजों को सीढ़ी लगाकर सुरक्षित निकाला गया। मुख्य गेट...

अग्निकांड के दौरान अस्पताल में लपटों और धुएं के गुबार के बीच मरीज, तीमारदार, अस्पताल और अग्निशमन कर्मी जान बचाने की जंग लड़ रहे थे। इस दौरान महिला वार्ड में आग की लपटें तो जान बचाने के लिए भागते मरीज और तीमारदार नजर आ रहे थे। कोई मुंह में मास्क लगाकर भाग रहा था तो कोई कपड़ा लपेट कर। धुएं के कारण सांस उखड़ रही थी। दमकल कर्मियों ने कई मरीजों को बाहर से सीढ़ी लगाकर सुरक्षित निकाला। अस्पताल में चारों ओर सिर्फ चीत्कारें सुनाई दे रही थीं। भगदड़ के दौरान कई लोग लड़खड़ा कर गिर पड़े। उन्हें पुलिस और दमकल कर्मियों ने उठाया। हड्डी विभाग में 20 दिन से भर्ती नीलम गुप्ता का पैर टूटा था। उनके पति कुलदीप और अन्य परिवारीजन बेड समेत उन्हें लेकर बाहर की ओर भागे। आलमबाग की रहने वाली कलावती ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण सुबह ही भर्ती हुई थीं। अग्निकांड के दौरान धुएं में उनका दम घुटने लगा। मुंह से चीख भी नहीं निकल पा रही थी। सांसें उखड़ने लगीं। यह देख दामाद राजेश बत्रा उन्हें गोद में लेकर बाहर की ओर भागे। मुख्य गेट पर भीड़ अधिक थी, इसलिए उन्हें निकलने में पांच से सात मिनट लग गए। किसी तरह भागकर वह बाहर आए। सास की सांस उखड़ रही थी। उन पर पंखा करने लगे। इसी तरह बाराबिरवा के रहने वाले मनीष का बायां पैर टूटा था। पैर पर प्लास्टर चढ़ा था। चलने में असमर्थ थे। परिवारीजन उन्हें आनन-फानन गोद में लेकर बाहर निकले। नीलम के पति कुलदीप ने बताया कि एकाएक महिला वार्ड से चीख-पुकार उन्हें सुनाई दी। वह हड्डी विभाग वार्ड से बाहर निकले तो लोग चीख पुकार करते हुए भाग रहे थे। इस बीच वार्डों में धुआं भी भरने लगा। यह देख वह भी पत्नी के पास पहुंचे। परिवारीजन की मदद से बेड समेत उन्हें लेकर बाहर निकले। गेट पर पहुंचे तो भीड़ अधिक थी। वहां फंस गए। लोग धक्का मुक्की कर रहे थे। इस बीच एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय और दमकल कर्मी पहुंच गए। मुख्य गेट पर मरीज और तीमारदारों को ढाढस बंधाते हुए शांत कराया। इसके बाद लोगों को सुरक्षित स्थान पर बाहर निकालकर अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया।
तीसरे तल पर फंसे थे मरीज, सीढ़ी लगाकर निकाला
तीसरे तल पर कुछ मरीज फंसे थे। आग की लपटें और धुआं इतना भयावह था कि जीने के रास्ते निकालना मुश्किल नहीं था। दमकल कर्मियों ने बाहर से सीढ़ी लगाई और तीसरे तल पर पहुंचे। खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। इसके बाद उन्हें कांधे पर लादकर सुरक्षित निकाला गया।
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