लेखक मो. असलम के नाट्य संग्रह रंगमहल के चार का विमोचन
Lucknow News - लखनऊ में मो. असलम खान की नाट्य संकलन 'रंगमहल के चार द्वार' का विमोचन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. उषा सिन्हा ने की। नाटककार गोपाल सिन्हा और अशोक बनर्जी ने असलम के नाटकों की...

लखनऊ, कार्यालय संवादादता लेखक मो. असलम खान के नवप्रकाशित नाट्य संकलनों की पुस्तक रंगमहल के चार द्वार का विमोचन रविवार को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निराला सभागार में हुआ। समारोह की कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. उषा सिन्हा ने की।
नाटककार गोपाल सिन्हा ने बताया कि मो. असलम के लिखे गुलाम रिश्ते और खिलौनों की बारात में मुझे प्रकाश और संचालन का भी मौका मिला। अशोक बनर्जी ने कहा कि मैंने मो. असलम के चारों नाटकों में दर्शक की भूमिका निभाई है। सौभाग्य है कि मैंने चारों नाटक देखे हैं। नाटक का असल आकलन मंच पर होता है। नाटक के चुटीले संवाद प्रभावी हैं। विसंगतियों पर प्रहार करते हैं। लेखक डॉ अनिल मिश्र ने कहा कि आदमी जब बड़ा होता है, तो उसके भीतर बच्चा कहीं खो जाता है। असलम के भीतर बच्चे आज भी जिंदा हैं।
कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. उषा सिन्हा ने कहा कि मो. असलम रंगमंच कला के अद्भुत पारखी और लेखन कला के सिद्धहस्त हस्ताक्षर हैं। उनके सामाजिक सरोकारों, सामाजिक सौहार्द और जीवन मूल्यों के प्रति जागरुकता पैदा करते हैं। वरिष्ठ साहित्यकार शकील सिद्दकी ने कहा कि इस संग्रह में मो असलम के नाटक गुलाम रिश्ते नाटक बेहद प्रभावित करता है।
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