कागजों पर सड़कें बना रहा है जिला पंचायत, एक ही सड़क का दो दो बार भुगतान
Lucknow News - जिला पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच में पता चला है कि अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने मिलकर कई कामों में वित्तीय धांधली की है। एक ही सड़क के दो बार भुगतान किए गए हैं और कई सड़कें कागजों पर बनी...

जिला पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यहां ऐसे ऐसे खेल अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने मिलकर किए हैं कि जांच करने वाले अधिकारी भी चकरा गए हैं। एक ही सड़क का जिला पंचायत ने दो बार भुगतान कर दिया है। जांच में पता चला है कि कई सड़कें कागजों में बनी दिखाई गयी हैं लेकिन मौके पर कोई काम ही नहीं हुआ है। क्रासिंग से सदरपुर करौरा सोनू वर्मा के घर तक की एक सड़क का दो बार भुगतान हुआ है। जांच में पता चला है कि इस सड़क को क्षेत्र पंचायत के बजट से भी बना दिखाया गया और जिला पंचायत के बजट से भी। जांच में पता चला कि दोनों का जो टेण्डर हुआ था उसमें एक ही स्थान का जिक्र था। अगर दूसरी सड़क बननी थी तो टेण्डर में उस स्थान का नाम होना था। अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान और मौके की स्थिति देखने से साफ हो गया कि इस सड़क का दो बार भुगतान किया गया। इस तरह इसी क्षेत्र की एक सड़क को छह महीने पहले बना दिखाया गया था। जांच में पता चला कि उस पर कंक्रीट ही नहीं है। सड़क उखड़ी मिली। इसी तरह दाउद पुर सैदापुर में भी एक सड़क का दोहरा भुगतान लिया गया।
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अवैध विकसित हो रही है कालोनी में बना दी सड़क, नाली
जिला पंचायत के अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों ने बड़े पैमाने पर प्रापर्टी डीलरों की प्लाटिंग में जिला पंचायत के बजट से सड़क बनायी है। नाले नालियां भी बनवा दिया। कुछ सदस्य ऐसे मिले हैं जो खुद प्लाटिंग कर रखी थी। उन्होंने अधिकारियों से मिलकर अपनी प्लाटिंग में ही सड़क बनवा डाली। बाघामऊ के एक प्राइवेट स्कूल में जिला पंचायत का पैसा खर्च किया गया। नगर निगम सीमा में होने के बावजूद इस स्कूल के आस पास की सड़कें जिला पंचायत की निधि से बनायी गयी हैं। जबकि इसका पैसा केवल जिला पंचायत के क्षेत्र में लगाया जा सकता है। कासिमपुर बिरुरा में एक प्रापर्टी डीलर के लिए नाले का निर्माण करा दिया गया। जबकि यहां आबादी ही नहीं मिली। मंहगुआ गांव में एक अन्य प्रापर्टी डीलर की प्लाटिंग के लिए खडंजे की सड़क बनवायी गयी। सरई गांव में एक व्यक्ति के निजी तालाब का निर्माण भी दूसरी निधि से करा दिया गया।
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डीएम ने जांच में कुछ मामलों में जिला पंचायत अध्यक्ष को दोषी ठहराया
शासन के निर्देश पर पूर्व जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ जांच करायी थी। उन्होंने कुछ मामलों की जांच करायी थी। जिसमें उन्हें दोषी बताया था। जिसके आधार पर शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए थे। हालांकि बाद में कोर्ट के आदेश पर अधिकार बहाल हुआ है।
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अब कमिश्नर कर रही हैं विस्तृत जांच
अब इस मामले की जांच कमिश्नर कर रही हैं। शासन ने उन्हें जिला पंचायत में हुए घोटालों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। वह दिसम्बर 20224 ये जांच कर रही हैं। उनकी जांच में कई अधिकारियों व जिला पंचायत के जन प्रतिनिधियों के भी फंसने की आशंका है। क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।
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