Theatrical Triumph 50 Plays in 17 Days with Powerful Narratives जर्जर व्यवस्था की मजबूरी, आतंकवाद के बीच उभरते प्रेम को दिखाया, Lucknow Hindi News - Hindustan
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जर्जर व्यवस्था की मजबूरी, आतंकवाद के बीच उभरते प्रेम को दिखाया

Lucknow News - लखनऊ में मंचकृति समिति ने 17 दिनों में 50 नाटकों का मंचन किया। तीन नाटकों में 'विस्तृत नभ का कोई कोना', 'मजबूर', और 'प्यार कभी बूढ़ा नहीं होता' शामिल थे। इन नाटकों ने सामाजिक मुद्दों, किसान संघर्ष और...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 5 May 2025 08:57 PM
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जर्जर व्यवस्था की मजबूरी, आतंकवाद के बीच उभरते प्रेम को दिखाया

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता 17 दिनों में 50 नाटकों का मंचन करने वाली मंचकृति समिति ने सोमवार को तीन नाटकों का मंचन किया। संत गाडगे महाराज प्रेक्षागृह में मंचित हुए नाटकों का संगम बहुगुणा और विकास श्रीवास्तव ने निर्देशन किया। सबसे पहले निवेदिता बुढलाकोटि की लिखी कहानी विस्तृत नभ का कोई कोना का मंचन हुआ। इसके बाद शालिनी राय निगम की कहानी मजबूर को मंच पर दिखाया गया। अंतिम प्रस्तुति स्वर्गीय स्वरूप कुमारी बख्शी के रची कृति प्यार कभी बूढ़ा नहीं होता का मंचन किया गया। इस कहानी में कश्मीर के आतंकवादियों द्वारा किए हमलों के बीच पनपती प्रेम कहानी को दर्शाया गया।

पहले नाटक विस्तृत नभ का कोई कोना, माला और भावना की कहानी है। एक शरीर से कमजोर है तो दूसरी मन से। माला अपनी शारीरिक कमजोरियों के बावजूद हर स्तर पर संघर्ष करती है। उसके पति, पिता और परिवार से उसे कोई सहयोग नहीं मिलता है। लेकिन जाने अंजाने माला को भावना का सहारा मिलता है। इस कहानी को मंच पर पेश करने के लिए संध्या दीप रस्तोगी और रचना टण्डन ने अभिनय किया। इसके बाद कहानी मजबूर को मंच पर पेश किया गया। जिसकी कहानी अन्नदाताओं और ग्रामीण व्यवस्था पर आधारित है। कहानी में दिखाया गया कि किसान संतराम और उसका बेटा मनीराम अपनी गायों के लिए छप्पर डालना चाहता है। मगर ग्रामीण व्यवस्था जर्जर होने के नाते उनका यह संघर्ष बेहद कड़ा हो जाता है। भानु प्रकाश, राजेश मिश्रा, गुरुदत्त और ज्योति सिंह ने इस कहानी को बयां करके लोगों को जगाने की कोशिश की। अंतिम प्रस्तुति प्यार कभी बूढ़ा नहीं होता, आंतकवादियों द्वारा हिंसा फैलाने की कहानी पर केन्द्रित थी। इस कहानी के जरिये बखूबी बताया गया कि इंसान ही इंसान का दुश्मन है। सोम गांगुली, काव्या, अम्बरीश बॉबी और शुभम कुमार ने अभिनय किया।

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