प्रदेश के हर जिले में 50 एकड़ भूमि को औद्योगिक उपयोग के लिए चिह्नित करेगी
Lucknow News - -मुख्यमंत्री योगी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक 50 acres of land will be marked for industrial use in every district of the

-मुख्यमंत्री योगी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने कसी कमर, ग्राम पंचायतों के समन्व्य से जिलों में पूरा होगा लक्ष्य -इन्वेस्ट यूपी द्वारा तैयार किए गए खाके के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक जिले में उद्योगों को लगाने के लिए निर्विवादित भूखंडों का विस्तृत डाटाबैंक होगा तैयार -डाटाबैंक के जरिए प्रत्येक जिले में एमएसएमई, एग्रो बेस्ड व हल्की विनिर्माण इकाइयों की स्थापना व संचालन को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद -प्रत्येक जिलों में निवेशकों की मुख्य रुचि वाले सेक्टर्स को दी जाएगी तरजीह, इसी के आधार पर कार्ययोजना बनाकर निवेशकों को किया जाएगा प्रोत्साहित लखनऊ, विशेष संवाददाता प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का प्रयास कर रही योगी सरकार औद्योगिक विकास को गति देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन अनुसार प्रदेश में अब हर जिले में 50 एकड़ भूमि को औद्योगिक उपयोग के लिए चिह्नित करने की तैयारी की जा रही है। इस कार्य को पूरा करने के लिए एक खाका इनवेस्ट यूपी ने तय कर लिया है और इसी आधार पर जल्द ही अवस्थापना व औद्योगिक विभाग द्वारा प्रदेश में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। ग्राम पंचायतों के साथ समन्वय होगा कार्ययोजना के अनुसार, प्रदेश के प्रत्येक जिले में उद्योगों को लगाने के लिए निर्विवादित भूखंडों का विस्तृत डाटाबैंक तैयार होगा। इस कार्य को ग्राम पंचायतों के साथ समन्वय स्थापित करने पूरा किया जाएगा। इतना ही नहीं, डाटाबैंक के जरिए प्रत्येक जिले में एमएसएमई, एग्रो बेस्ड व लाइट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (हल्की विनिर्माण इकाइयां) की स्थापना व संचालन को बढ़ावा मिलेगा। जहां पिछली सरकारों में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक उन्नयन के विषय में कोई खास काम न हुआ और उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन को बढ़ाने का काम किया गया। वहीं योगी सरकार की मौजूदा योजना से प्रत्येक जिले में रोजगार सृजन तो होगा ही, साथ ही प्रदेश के प्रत्येक जिले में औद्योगिक उन्नति सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश के वर्कफोर्स को पलायन से रोकने अपने जिले व आसपास के क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध होने का अवसर मिलेगा। गैर-विवादित भूखंडों का विस्तृत डाटाबैंक होगा तैयार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हमेशा इस बात पर फोकस रहा है कि प्रदेश में औद्योगिक उन्नति का भागीदार केवल कुछ शहर या विशिष्ट क्षेत्र ही न रहें, बल्कि हर जिले का विकास होना चाहिए। इसी विजन को आगे बढ़ाते हुए तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार अब प्रत्येक जिले में 50 एकड़ भूमि को औद्योगिक व कॉमर्शियल उपयोग के लिए चिह्नित किया जाएगा। इसमें विशेष तौर ग्रामीण व सेमी अर्बन क्षेत्रों को चिह्नित करने पर फोकस है। यह भूमि निर्विवादित व मुकदमेबाजी मुक्त हो, मालिकाना अधिकार के सभी मानक पूर्ण व सुरक्षित हों। इसके अतिरिक्त स्थानीय निकाय व जमीन मालिक द्वारा इसके अधिग्रहण में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त, यह भूमि पार्सल पहले से आरक्षित न हो तथा लैंड पार्सल में भविष्य में विनिमय / मुआवजे के लिए उत्तरदायी भूमि के तौर पर शामिल नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक जिले में मुख्य निवेशक व निवेश के क्षेत्रों का होगा वर्गीकरण कार्ययोजना के अनुसार, प्रत्येक जिले में निवेश आकर्षित करने के लिए विशिष्ट कार्यशैली अपनायी जाएगी। उद्यमी मित्रों के साथ ही अवस्थापना व औद्योगिक विकास विभाग की स्थानीय इकाइयां यह सुनिश्चित करेंगी कि हर जिले में निवेशकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग्स का फ्रेमवर्क सुनिश्चित हो। इससे निवेशकों की आकांक्षा, अपेक्षाएं और चुनौतियों के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के साथ भी समन्वय व चरणबद्ध तरीके से संवाद सुनिश्चित किया जाएगा। इससे उद्योगों के उन्नयन की प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं, योगी सरकार प्रत्येक जिले में प्रमुख निवेशकों की पहचान कर उन्हें स्थानीय दिग्गजों के रूप में वर्गीकृत करेगी जो संबंधित क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अन्य निवेशकों को प्रोत्साहित कर सकते हैं। इन निवेशकों के साथ संवाद कायम करने से निवेश का वातावरण सुदृढ़ व सुनिश्चित होगा। जिन क्षेत्रों में किसी विशिष्ट औद्योगिक सेक्टर से जुड़ी इकाइयों की रुचि व अधिकता ज्यादा होगी उन्हें उसी हिसाब से क्लस्टर्स के रूप में वर्गीकृत व विकसित किया जाएगा।
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