अविवादित वरासत मामलों का निस्तारण 15 दिन में अनिवार्य होगा
Lucknow News - कृषक दुर्घटना योजना के सभी मामले 10 दिन में निपटें लेखपाल से आयुक्त तकरियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री, पैमाइश और खसरा पड़ताल से जुड़े स

कृषक दुर्घटना योजना के सभी मामले 10 दिन में निपटें लेखपाल से आयुक्त तक बनेगा राजस्व परिषद का एकीकृत डैशबोर्ड प्राधिकरणों का लैंडयूज डेटा अब खतौनी पर होगा प्रदर्शित नामांतरण वाद की प्रक्रिया पूर्णतः ऑटोमेट करने के निर्देश लखनऊ। विशेष संवाददाता। मुख्यमंत्री ने राजस्व वादों के तय समय में निपटारे पर जोर देते हुए कहा है कि राजस्व विभाग जनविश्वास का आधार है और उसकी कार्य संस्कृति जनकेंद्रित, तकनीकी रूप से दक्ष और संवेदनशील होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अविवादित वरासत मामलों का निपटारा 15 दिन में अनिवार्य करना होगा। रियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री, पैमाइश और खसरा पड़ताल से जुड़े सभी लंबित प्रकरणों का समाधान भी तय समय सीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए।
इसके लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राजस्व विभाग की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शेष भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीघ्र पूर्ण किया जाए और शहरी क्षेत्रों का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर उसे ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने राजस्व परिषद के पोर्टल की रीडिजाइनिंग पर जोर देते हुए कहा कि लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक अब एकीकृत डैशबोर्ड विकसित किया जाए। प्राधिकरणों के लैंडयूज डेटा को खतौनी पर प्रदर्शित किया जाए और धारा 80 के अंतर्गत भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए। नामांतरण वादों को पूरी तरह ऑटोमेट करने की जरूरत मुख्यमंत्री ने कहा कि नामांतरण वादों को पूर्णतः ऑटोमेट किए जाने की आवश्यकता है। इससे नागरिकों को सुगमता और समयबद्ध न्याय प्राप्त होगा। उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी हस्तक्षेप और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही सावधान किया कि चकबंदी की जटिलताओं के कारण गंभीर सामाजिक विवाद जन्म ले सकते हैं, अतः इसे अत्यंत संवेदनशीलता से निपटाया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सभी लंबित आवेदन अगले 10 कार्यदिवसों में पूर्ण रूप से निस्तारित किए जाएं। उन्होंने कहा कि भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र समाधान न केवल जनविश्वास, बल्कि राज्य में निवेश और विकास के लिए भी आवश्यक है, वहीं लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त और उत्तरदायी शासन प्रणाली की नींव है। 36 लाख से अधिक जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र जारी विभाग द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, विगत वर्ष में ही 36 लाख से अधिक जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत किए गए, जिनमें से 85% आवेदन सात कार्यदिवसों के भीतर ऑनलाइन निस्तारित हुए। मुख्यमंत्री ने इस प्रगति को सराहनीय बताया और सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाए जाने के निर्देश दिए।
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