यूपी में बुजुर्गों की सेहत का खास ख्याल रखेगी योगी सरकार, 23 एक्सपर्ट्स की बनी समिति
सुधार के लिए सिफारिशों के साथ जरूरी बदलावों में मददगार भी बनेगी। दरअसल देश-प्रदेश के जन-सांख्यकीय क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है। बच्चों और बड़ों के साथ बुजुर्गों के लिए भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी हो गया है। एकल परिवारों के बढ़ते चलन ने बुजुर्गों की समस्या और बढ़ा दी है।

यूपी अब अपने बुजुर्गों का खास ख्याल रखेगा। उनकी सेहत और स्वास्थ्य जरूरतों के हिसाब से नीति निर्धारण करेगा। उनकी मुख्य समस्याएं क्या हैं। उनका इलाज और देखभाल कैसे बेहतर ढंग से हो, अकेले रहने वाले बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल कैसे हो, ऐसी तमाम बातों की चिंता अब यूपी सरकार करेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में 23 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है। इस समिति की चेयरमैन केजीएमयू की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद होंगी।
समिति मौजूदा परिस्थितियों में बुजुर्गों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का आंकलन करेगी। सुधार के लिए सिफारिशों के साथ जरूरी बदलावों में मददगार भी बनेगी। दरअसल देश और प्रदेश के जन-सांख्यकीय क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है। ऐसे में बच्चों और बड़ों के साथ बुजुर्गों के लिए भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना जरूरी हो गया है। एकल परिवारों के बढ़ते चलन ने बुजुर्गों की समस्या और बढ़ा दी है। विशेषज्ञों की मानें तो वृद्धजनों में गैर संचारी रोगों कैंसर, जोड़ प्रत्यारोपण, हार्ट अटैक, मानसिक समस्याएं जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
नीति निर्धारण में मदद करेगी समिति
ऐसे में सरकार ने बुजुर्गों के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की है। इसका काम वृद्धजनों को सेवाएं प्रदान करने, वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों, उनके स्वरूप, उनके इलाज के लिए सुझाव एवं इसके लिए योजना बनाने में सहयोग देगी। साथ ही योजना के सफल क्रियान्वयन कराने, स्वास्थ्य सेवाओं के बदलते परिवेश में जरूरत के अनुसार विस्तार देने आवश्यक दवाओं की सूची (ईडीएल) में आवश्यक बदलाव, वृद्धजनों के प्रति परिवार, समाज और समुदाय के कर्तव्य के संबंध में सराकात्मक सुझाव, सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग को नीतिगत निर्णय तथा मार्गदर्शन देगी।
विशेषज्ञ समिति में इन्हें किया गया शामिल
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश पर एडवाइजरी कोर कमेटी फॉर एल्डरली हेल्थ केयर गठित की गई है। समिति की चेयरमैन केजीएमयू की कुलपित प्रो. सोनिया नित्यानंद होंगी। एनएचएम यूपी की मिशन निदेशक पिंकी जोवल, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. रतन पाल सिंह सुमन सदस्य, निदेशक स्वास्थ्य डा. कविता आर्या इसकी संयोजक और स्टेट नोडल ऑफीसर डा. अलका शर्मा व जीएम एनसीडी डा. रमा शंकर यादव सह संयोजक बनाए गए हैं।
केजीएमयू के प्रोफेसर डा. कौसर उस्मान सिद्दीकी, केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के हेड डा. श्रीकांत श्रीवास्तव, राम मनोहर लोहिया के कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डा. भुवन चंद्र तिवारी, केजीएमयू के फार्माकॉलोजी विभाग के हेड डा. आरके दीक्षित, एसोसिएट प्रोफेसर डा. दीपक बागचंदानी, आरएमएल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के प्रो. डा. अरविंद सिंह, एनेस्थीसिया विभाग के प्रो. डा. पुनीत गोयल, आरएमएल के न्यूरोलोजी के प्रोफेसर दिनकर कुलश्रेष्ठ, आरएमएल के फिजिकल मेडिसिन विभाग के प्रो. डा. वीरेंद्र गोगिया, पीजीआई के पेलिएटिव केयर के प्रो. डा. संजय धीरज, आरएमएल के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रो. डा. अरविंद सिंह, बीएचयू के डा. अनूप सिंह, आरएमएल की डा. पूनम तिवारी, एसजीपीजीआई नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल, आयुष विभाग के मेडिकल ऑफीसर डा. पीयूष अवस्थी, हेल्पएज इंडिया को सदस्य नामित किया गया है।
यूपी में 8 फीसदी से अधिक बुजुर्ग आबादी
2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 83.64 लाख लोग थे। जो राज्य की कुल जनसंख्या का 6.58 फीसदी था। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष व भारत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के बाद उत्तर प्रदेश देश का दूसरा सबसे युवा राज्य है। बिहार में कुल 7.7 फीसदी आबादी बुजुर्ग है। जबकि यूपी में इसका अनुमानित आंकड़ा 8.1 फीसदी है। रिपोर्ट में देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मुख्य तीन कारण घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि बताई गई है।