उजाले की कहानी, कोस भर मजबूरियां...
Maharajganj News - उत्तर प्रदेश साहित्य सभा महराजगंज की काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। डॉ. परशुराम गुप्ता ने 'उजाले की कहानी' सुनाकर वाहवाही लूटी। अन्य कवियों ने भी अपनी बेहतरीन रचनाएँ...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। उत्तर प्रदेश साहित्य सभा महराजगंज की ओर से सभा के अध्यक्ष डॉ. परशुराम गुप्ता की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी हुई। कवियों एवं शायरों ने अपनी रचनाओं से मन मोह लिया। डॉ. परशुराम गुप्ता ने उजाले की कहानी कोस भर मजबूरियां, तेल की बाती से बढ़ती जा रही हैं दूरियां...सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। सभा के संयोजक कुमार देवेश ने किस्मत में जिनकी था यूं उजड़ना, उन्हीं रास्तों से फिर है गुजरना, सड़क तो चौड़ी चलो हो भी जाते, कटे पेड़ क्या थे, फुर्सत में समझना..., शायर मुमताज ने उसने कहा इतनी मुलाकात बहुत है मैंने कहा भी रुक जाओ अभी रात होता...पुनीत श्रीवास्तव ने गीत होठों से मेरे चुरा कर क्या उसी को सुना तुम रही हो...,दिव्यांश पाण्डेय ने वैसे तो कुछ गम है मगर ये साल अच्छा है..., मनोज मद्धेशिया ने बैठल रोवेली गुजरिया हो चुनरिया में दाग लग गइल गीत सुनाया।
शैलेंद्र तिवारी ने ओह ये ताल मिले नदी के जल से गीत सुना कर सबका मन मोह लिया। शिव चौरसिया, आशीष कुमार, राजेश स्वर्णकार, शशि कुमार वर्मा, धीरज वर्मा, नवीन शुक्ला, सुरेंद्र पटेल, तशरीफ खान, राम उजागर यादव ने भी अपनी रचनाएं सुनाईं, जबकि संचालन पंकज कुमार मौर्या ने किया।
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