Twins Overcome Malnutrition with Timely Medical Intervention खड़ा नहीं हो रहे कुपोषित जुड़वा भाई-बहन अब बेड पर ही कर रहे चहल कदमी, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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खड़ा नहीं हो रहे कुपोषित जुड़वा भाई-बहन अब बेड पर ही कर रहे चहल कदमी

Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। माता-पिता की तत्परता व डॉक्टर की सलाह से पैर पर

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजWed, 7 May 2025 10:12 AM
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खड़ा नहीं हो रहे कुपोषित जुड़वा भाई-बहन अब बेड पर ही कर रहे चहल कदमी

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। माता-पिता की तत्परता व डॉक्टर की सलाह से पैर पर खड़ा नहीं हो रहे जुड़वा भाई-बहन अब बेड पर ही चहल कदमी कर रहे हैं। बच्चों को कुपोषणमुक्त देख परिजनों में खुशी दौड़ गई। अस्पताल प्रशासन ने एनआरसी में भर्ती कराने वाले डॉक्टर व इलाज कर रहे डॉक्टर की टीम की सराहना की है। मिठौरा ब्लाक के भागाटार निवासी ब्रह्मानंद की पत्नी ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया है। इनमें एक बेटा अनूप और दूसरी बेटी अन्नपूर्णा है। जुड़वा बच्चों में एक बेटा और एक बेटी होने पर परिवार में काफी खुशी थी। इन जुड़वा भाई-बहन का मां के साथ परिवार के सभी सदस्य कर रहे हैं।

लेकिन15 माह होने के बाद जब ये जुड़वा भाई-बहन पैर में खड़ा नही हो रहे थे तो परिवार के लोगों के चेहरे की खुशी गायब हो गई। इसी दौरान सीएचसी जगदौर की डॉ. अनीता त्रिपाठी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम गांव में भ्रमण कर रही थी। उसी दौरान ब्रह्मानंद के परिवार के सदस्यों ने बताया कि अब तक जुड़वा भाई-बहन पैर पर खड़ा नही हो रहे हैं। डॉ. अनीता त्रिपाठी ने इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच की। जांच में कुपोषण की पुष्टि हुई। डॉ. अनीता त्रिपाठी ने बिना देर किए इन बच्चों को जिला अस्पताल परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराने की सलाह दी। परिजन तत्काल एनआरसी लेकर पहुंचे। एनआरसी के प्रभारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजन कुमार मिश्रा और न्यूट्रीशियन पूजा के अलावा स्टाफ नर्स की टीम इन जुड़वा भाई-बहन की इलाज के साथ संतुलित आहार देना शुरू किया। सात दिन की इलाज में जुड़वा भाई-बहन बेड पर खड़े हो जा रहे हैं। भाई-बहन को कुपोषणमुक्त होने की सूचना पर सीएमएस डॉ. एके द्विवेदी और डॉ. एवी त्रिपाठी एनआरसी पहुंचे। जुड़वा भाई-बहन की दुलार करने के साथ ही उनके स्वास्थ्य की जांच की। दोनों मासूम का स्वास्थ्य ठीक मिलने पर उन्होंने एनआरसी टीम की सराहना की। नौ माह से दस माह में बच्चे पैर से हो जाते हैं खड़ा जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश रमन ने बताया कि स्वस्थ बच्चे नौ माह से लेकर दस माह में अपने पैर पर खड़ा हो जाते है। सहारा मिलने पर चलने भी लगते हैं। समय से कुपोषण का पता चलने व त्वरित इलाज मिलने से बच्चे बहुत जल्द स्वस्थ हो गए हैं। देर होने पर उन्हें ठीक होने में समय लग सकता था। जुड़वा भाई-बहन पूरी तरह स्वस्थ हैं। खुद अपने पैर पर खड़ा हो जा रहे हैं। डिस्चार्ज के बाद भी इन बच्चों को फालोअप में रखने की सलाह दी गई है। एनआरसी की टीम ने जुड़वा भाई-बहन को बहुत जल्द कुपोषणमुक्त किया है। डॉ. एके द्विवेदी, सीएमएस जिला अस्पताल

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