बारिश के बाद खिली धूप से किसानों ने ली राहत की सांस
Mau News - मऊ में शुक्रवार को बेमौसम बारिश के बाद धूप खिलने से किसानों ने राहत महसूस की। हालांकि, बारिश ने गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान पहुँचाया है। अब किसान खेतों में पड़ी भीगी फसल को सुखाने में जुट गए...
मऊ। बेमौसम बारिश के बाद शुक्रवार सुबह धूप खिलने से किसानों ने राहत की सांस ली। किसान दिनभर कटाई कर खेत में छोड़ी गई गेहूं की फसल को सूखाने में जुटे रहे। गेहूं की फसल सूखने में लगभग तीन से चार दिन का समय लगेगा। इसके बाद ही मड़ाई कार्य शुरू हो सकेगा। किसानों का कहना है कि गुरुवार को बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं के साथ सरसों की फसल भी बर्बाद हो गई है। उधर, शहर से लेकर गांव तक सार्वजनिक स्थलों पर कीचड़युक्त पानी जमा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शुरु हुई भीषण गर्मी के बाद गुरुवार को मौसम ने अचानक करवट लिया था और दोपहर बाद तेज हवा और गरज के साथ झमाझम बारिश हुई थी। इस बारिश से जहां एक ओर आम लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली तो वहीं गेहूं उत्पादक किसानों की परेशानी बढ़ गई है। तेज बारिश से उन किसानों को भारी नुकसान हुआ है, जिन्होंने गेहूं की कटनी कर खेत में फसल फैला रखी थी या गेहूं के बोझ बना रखे थे। बारिश में कटी हुई गेहूं की फसल भीग गई, जिससे फसल बर्बाद होने की आशंका है। जिन किसानों ने अभी फसल की कटाई नहीं की है, उन्हें तुलनात्मक रूप से कम नुकसान होने की उम्मीद है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अबतक जिले में सिर्फ 45 प्रतिशत गेहूं की कटाई हुई है। तेज हवा और बारिश के कारण कई किसानों की गेहूं की फसल खेतों में गिर भी गई है। भीगी गेहूं की फसल सुखाने में किसान जुट गए। गेहूं के बंधे हुए गट्ठरों को किसान खोलकर सुखाते रहे। वहीं, दूसरी ओर तेज हवा के साथ बारिश होने से जो फसल गिर गई है, उसे काटना किसानों के लिए मुश्किल भरा होगा। सूखने से पहले इस फसल को काटना संभव नहीं है। वहीं, अगर बारिश दोबारा होती है तो गेहूं का दाना काला पड़ जाएगा। किसानों ने कहा कि धूप निकलने से खेत में पड़ी भीगी फसल को सुखाने का मौका मिल गया है। वे जल्द ही फसल को कटवाकर घर ले जाएंगे। उधर, शहर के तमाम मोहल्ले में कीचड़ होने से सांसत हुई। अब भी कहीं-कहीं पानी जमा है।
आम के टिकोले को भी हुआ नुकसान
मऊ। किसान नेता देवप्रकाश राय ने बताया बारिश से आम के टिकोलों को काफी नुकसान हुआ है। तेज आंधी और पानी के बीच वे नीचे गिर गए हैं। वहीं, टिकोले की डंडी पर लगने वाले फंगस भी धुल गए हैं, जिससे उत्पादकों को दवा छिड़काव में राहत मिलेगी। इसके अलावा मूंग, उड़द और अरहर जैसी दलहन फसलों को भी इस बारिश और पुरवैया हवा से फायदा होगा। पिछले दिनों तापमान बढ़ने और जमीन में नमी की कमी के कारण सब्जियों के फलन में भारी गिरावट आई थी। अब बारिश से जमीन में नमी लौटने के कारण उत्पादन बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
फसलों को सुखाने में आएगी परेशानी
मऊ। किसान नेता राकेश सिंह ने बताया सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को हुई है, जिनकी फसल काटने के बाद खेत में बंधी पड़ी थी। उन्होंने बताया बिना बांधी फसल को तो संभालना आसान है, लेकिन बंधी हुई फसल को सुखाने में अब काफी मुश्किलें आएंगी। यदि लगातार धून नहीं हुई तो फसल के सड़ने और अंकुरित होने का भी खतरा है। किसानों की मांग है कि प्रशासन इस प्राकृतिक नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द राहत उपाय सुनिश्चित करें।
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