पुरवा ने बढ़ाई उमस, गर्मी से परेशान हो रहे लोग
Mau News - मऊ में जेठ की गर्मी बढ़ने लगी है, साथ ही उमस भी। तेज धूप और पुरवा हवा के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। किसानों को फसलों की सिंचाई...

मऊ। जेठ की तपन अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। साथ ही पुरवा हवा से उमस बढ़ गई है। बुधवार को भी सुबह बदरी से जहां मौसम खुशनुमा बना रहा वहीं, दोपहर बाद तेज धूप ने लोगों को परेशान करके रख दिया। तापमान में उतार-चढ़ाव होने के कारण जनजीवन प्रभावित होने लगा है। जेठ महीने में मौसम लगभग प्रतिदिन बदला नजर आ रहा है। तेज धूप और पुरवा हवा के कारण उमस बढ़ गई है। बीते पांच दिनों से सुबह आसमान में हल्के बादल छाए रहने के बाद मौसम साफ हो जा रहा है। तेज धूप निकलने और उमस से लोग परेशान हो जा रहे हैं।
वहीं, मौसम में उतार-चढ़ाव होने के कारण सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ गई है। पशु-पक्षियों को पानी की समस्या हो गई है। तालाब में पानी भराने का आदेश कागजों तक सीमित है। मौसम में बदलाव होने के कारण सब्जी की खेती करने वाले किसानों को हर दूसरे दिन सिंचाई करनी पड़ रही है। आसमान में हल्के बादल और धूप होने के कारण अधिकतम तापमान 40.20 और न्यूनतम 29.40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, 16 मई को तापमान 43 डिग्री के पार चला गया था, इसके बाद पारा उतार पर है, लेकिन उमस काफी बढ़ गई है। बुधवार को आर्द्रता अधिकतम 88 और न्यूनतम 49 फीसदी हो गई। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वैज्ञानिक डॉ. विनय सिंह ने बताया आगामी चौबीस घंटे में हल्के बादल छाए रहने और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबादी होने की संभावना है। केवल उड़द-मूंग की फसल पर पड़ सकता है प्रभाव जिला कृषि अधिकारी सोमप्रकाश गुप्ता ने बताया मौजूदा मौसम का फसलों पर बहुत असर नहीं पड़ेगा। उड़द और मूंग की फसल पर तापमान का असर पड़ जाएगा। फलत कम होने का डर है। किसान बचाव के लिए खेत में नमी बनाए रखें। धान की बेहन डालने वाले किसान खेती की जोताई करने के बाद दो-तीन तक पानी भरें, जिससे खेत का तापमान स्थिर हो जाए, जिसके बाद शाम के समय धान की बेहन डालें। सब्जी की फसलों पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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