Early Morning Raid Bangladeshi Family Detained Rajasthan High Court Demands Explanation from Police तड़के छापेमारी, बांग्लादेशी परिवार हिरासत में! राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगा हिसाब, Jaipur Hindi News - Hindustan
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़जयपुरEarly Morning Raid Bangladeshi Family Detained Rajasthan High Court Demands Explanation from Police

तड़के छापेमारी, बांग्लादेशी परिवार हिरासत में! राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगा हिसाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई पर गंभीर रुख अपनाया है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 May 2025 11:56 AM
share Share
Follow Us on
तड़के छापेमारी, बांग्लादेशी परिवार हिरासत में! राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगा हिसाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई पर गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने पुलिस से पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब करते हुए स्पष्ट किया है कि वैरिफिकेशन के नाम पर किसी को भी गैरकानूनी रूप से हिरासत में नहीं रखा जा सकता।

यह आदेश न्यायमूर्ति नरेन्द्र सिंह ढड्ढा और न्यायमूर्ति भुवन गोयल की खंडपीठ ने मोहम्मद शोएब समेत कई अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से आरोप लगाया गया कि उनके परिजनों को जयपुर पुलिस ने 3 मई को तड़के छापेमारी कर अवैध रूप से हिरासत में लिया और उन्हें अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सैयद सआदत अली ने अदालत को बताया कि जामडोली थाना पुलिस ने सुबह 6 बजे अचानक छापा मारा और महिलाओं, पुरुषों व बच्चों को उठाकर ले गई। इनमें से महिलाओं और बच्चों को प्रताप नगर स्थित सामुदायिक केंद्र में रखा गया है, जबकि पुरुषों को कूकस में डिटेन किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरी कार्रवाई बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के अंजाम दी है।

अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि हिरासत में लिए गए सभी लोग तीन पीढ़ियों से राजस्थान में रह रहे हैं और उनके पास आवश्यक दस्तावेज भी मौजूद हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए यह दलील दी कि मात्र 'बांग्लादेशी' मूल का आरोप लगाकर उन्हें इस तरह से ट्रीट करना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि मानवीय अधिकारों का भी उल्लंघन है।

कोर्ट ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए राज्य सरकार और संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं और पूछा है कि किन कानूनी प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि डिटेन किए गए सभी व्यक्तियों को उचित समय पर कोर्ट में पेश किया जाए और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी अदालत को दी जाए।

हाईकोर्ट का यह रुख संकेत देता है कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों और विधिक प्रक्रिया का उल्लंघन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि पुलिस की ओर से कोर्ट को दी जाने वाली स्टेटस रिपोर्ट में क्या खुलासे होते हैं और आगे की कार्रवाई किस दिशा में जाती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।