दाखिल-खारिज मामले में सभी 12 सीओ को जवाब सौंपने की अवधि पूरी
पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी 12 अंचलाधिकारियों को म्यूटेशन के मामलों को लटकाने के आरोप में जवाब देना होगा। उपायुक्त ने उन्हें तीन दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 90 दिन से अधिक लटकाने वाले...

पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी 12 अंचलाधिकारियों को जवाब देने का समय पूरा हो गया है। उन्हें उपायुक्त को जवाब देना है। सभी सीओ पर आरोप है कि वे म्यूटेशन के मामले को बेवजह लटकाते हैं। उन्हें हर हाल में 90 दिन के भीतर म्यूटेशन या दाखिल-खारिज के मामलों का निष्पादन कर देना है। इसके बावजूद वे इसे गंभीरता से नहीं लेते। इसकी शिकायत मिलने पर उपायुक्त अनन्य मित्तल ने अब कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। सभी अंचलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनसे तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। इस जवाब में उन्हें म्यूटेशन की ताजा स्थिति की जानकारी भी देनी है।
उपायुक्त ने इस बात तय किया है कि म्यूटेशन के मामले 90 दिन से अधिक लटकाने वाले सीओ को सेवा के अधिकार कानून के तहत दंडित किया जाएगा। इसके तहत प्रति केस 500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। अगर ऐसा हुआ, तो जिला के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि किसी सरकारी अधिकारी को सेवा में कोताही बरतने पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
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