बोले मेरठ : आपकी जो न होती चूक तो सुरक्षा होती अचूक
Meerut News - बुधवार को सुरक्षा अभ्यास के दौरान 15 मिनट का ब्लैकआउट हुआ, जिसने देश की तैयारियों में खामियां उजागर की। मेरठ में आयोजित मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया, लेकिन आम लोगों में...
बुधवार को सुरक्षा अभ्यास के दौरान 15 मिनट के ब्लैक आउट ने हमारी पोल खोल दी। इन हालातों में खुद की जान की परवाह न करने वालों से देश अपने लिए क्या उम्मीद करेगा। गनीमत रही कि वो मॉक ड्रिल थी। इस बड़ी लापरवाही से सबक लेना होगा। वैसे भी शुरुआती दौर की ढिलाई और सख्ती के बाद ही हम चेतते हैं। कोरोना काल की यादें इसका सबूत हैं। अभी भी वक्त है, आइए बीती बातें बिसार कर गंभीरता के साथ संकल्प लें कि देश हित के लिए स्वस्फूर्त जुटेंगे, क्योंकि अब अभ्यास की नहीं इम्तिहान की घड़ी है। अंतिम ‘युद्ध अभी बाकी है...।
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय, आईआईएमटी, मेरठ कालेज समेत 11 स्थानों पर आयोजित मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। यह तो पता चला कि विपरीत स्थिति में मेरठ हर तरह से लड़ने को तैयार है। कुछ कमियां भी दिखी। सबसे बड़ी कमी आम लोगों में जागरूकता की दिखी। विभागों में सामंजस्य को लेकर भी कमी दिखी। मॉक ड्रिल में जो भी कमियां सामने आई इसे दुरुस्त करने के डीएम और एडीएम सिटी ने निर्देश दिए। गुरुवार से इस पर कार्रवाई शुरू हो गई। डीएम ने कहा है जो भी कमियां हैं उसे संबंधित विभाग तुरंत दुरुस्त करें। एक सायरन की बिजली कटी थी उसे ठीक कर दिया गया। पहले से घोषणा फिर भी नहीं चेते लोग कोतवाली क्षेत्र में बुधवार शाम 7.30 से 7.40 बजे तक ब्लैक आउट का निर्देश था। पुलिस, प्रशासन, सिविल डिफेंस, बिजली विभाग, रेडक्रास, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों को सूचना दी गई थी। शाम को कोतवाली क्षेत्र में ब्लैक आउट किया तो भी कोई रुकने का नाम नहीं ले रहा था। ठीक 7.30 बजे जैसे ही सायरन बजा तो पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया, लेकिन लोग वाहनों की लाइटें बंद करने की जगह हार्न बजाते रहे। सिविल डिफेंस ने वाहनों की लाइट बंद कराईं। सीओ आशुतोष कुमार ने कहा कि ब्लैक आउट से पहले सभी दुकानदारों और लोगों को इसकी जानकारी दे गई थी। बिजली पर नियंत्रण नहीं, सौर ऊर्जा-इनवर्टर से हुई दिक्कत युद्ध के दौरान ब्लैक आउट में गाड़ियों की लाइट पर काले रंग से लेकर घर की बिजली पूरी तरह बंद करने का नियम है। कृत्रिम रोशनी को न्यूनतम प्रयोग किया जाता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में बिजली पर नियंत्रण ही नहीं है। बुधवार को मॉक ड्रिल में ब्लैक आउट की जानकारी तो दी, लेकिन यह भूल गए बिजली आपूर्ति बंद होने के बाद घर-दुकान, फैक्ट्री में लगे सौर ऊर्जा उपकरण, इनवर्टर और ऑटोमैटिक मोड पर रहने वाले जेनसेट को कैसे ऑफ कर ब्लैक आउट करना है। ब्लैकआउट में नियम है घर, कारखानों, दुकानों और वाहनों की रोशनी को बंद करना है। आईटीएमएस से पहुंचेंगे संदेश भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बाद शहर हवाई हमलों का सामना करने के लिए तैयार हो रहा है। शहर के चौराहों पर लगा आईटीएमएस सिस्टम भी भागीदारी निभाएगा। ट्रैफिक के लिए तैयार किया गया यह सिस्टम अब सीमा पर तनाव पैदा होने के बाद शहर को विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए भी तैयार करेगा। यहां पब्लिक अनाउंस सिस्टम लगे हैं। कंट्रोल रूम में बैठकर इन आठ चौराहों पर एक साथ संदेश दिया जा सकता है। बोले अफसर मॉक ड्रिल से सारी तैयारियों को परखा गया है। लोगों को जागरूक किया है। वर्षों बाद इस तरह का मॉक ड्रिल हुआ। ब्लैक आउट कराया गया। कुछ चीजों का पता चला तो संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए गए। कार्रवाई शुरू हो गई है। मॉक ड्रिल के हर बिंदू की मॉनिटरिंग की जा रही है। अब सारी व्यवस्था दुरुस्त हो रही ताकि तैयारी अचूक हो। -डॉ वीके सिंह, डीएम। यूपी में हाईअलर्ट घोषित किया है। गृह मंत्रालय और शासन की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है। मॉक ड्रिल कराई जा रही है और पुलिस भी आपात स्थिति के लिए तैयार है। पुलिस अपने आईटीएमएस सिस्टम को पब्लिक को अलर्ट करने के लिए इस्तेमाल करेगी। जिन बिंदुओं पर कुछ कमियां हैं, उन्हें दुरुस्त कराया जा रहा है। -डॉ. विपिन ताडा, एसएसपी मेरठ। पाकिस्तान को और उनके संरक्षण में पनप रहे आतंकियों को माकूल सबक दिया गया है। भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने पूरे विश्व को संदेश दिया है कि हम आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए कृत संकल्प हैं। आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा और उनकी कल्पना से बहुत अधिक दंडित किया जाएगा। भारत के हमले के बाद पाकिस्तान में इमरजेंसी जैसी हालात हैं। -मेजर जनरल(रि.) बीएस पंवार। कहना इनका एनसीसी कैडेट्स को सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस कहा गया है। कैडेट्स आपात स्थिति में ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, सिग्नल, हॉस्पिटल सहित हर स्तर पर अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं। ड्रिल कैडेट्स के प्रशिक्षण का हिस्सा है। -कैप्टन डॉ.अवधेश कुमार, एनसीसी अधिकारी, मेरठ कॉलेज ऑपरेशन सिंदूर से शहीदों के परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। मेरे पिता ने बताया था कि भारत कभी युद्ध की शुरुआत नहीं करता है। लेकिन दुश्मन को माफ भी नहीं करता है। - डॉ. राजीव सिंह, शहीद मेजर रणवीर सिंह के बेटे ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर सभी फौजियों और उनके परिवारों को बधाई। खुशी की बात यह है कि किसी भी विपक्षी दल के नेता ने ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर सवाल नहीं उठाया। पूरा देश एकजुट है। -अनुज कुमार पुत्र शहीद रामपाल सिंह यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी हम लोग चेतना से कोसों दूर हैं। मॉकड्रिल के दौरान बजने वाला सायरन पूरे शहर के लिए महत्वपूर्ण है। अगर इसकी आवाज से कोई क्षेत्र अछूता रह जाता है तो समझो यह बड़ी चूक होगी। -धर्मवीर कपिल, सेवानिवृत्त अधिकारी भारतीय वन सेवा ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के मुंह पर करारा तमाचा है। ऐसी कार्रवाई होती रहनी चाहिए जिससे आतंकवाद अपना सिर न उठा सके। युवाओं में देशभक्ति की भावना होनी चाहिए। -सरदार राजवीर सिंह,व्यापारी नेता आबूलेन ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर सभी देशवासियों को बधाई। अगर जरूरत पड़ी तो मैं रिटायरमेंट के बाद भी सरहद पर लड़ने के लिए तैयार हूं। मुश्किल की घड़ी में सभी देशवासियों को एकजुटता से रहना चाहिए। -अलबेल सिंह, पूर्व सैनिक सीख और सलाह बाजारों के बारे में फिर से सोचना होगा बुधवार को ब्लैक आउट में देखा गया कि बाजारों में कई दुकानदारों ने पूरी तरह से सहयोग नहीं किया। हालांकि उनका कहना था कि जब उन्होंने सायरन की आवाज ही नहीं सुनी तो बिजली कैसे बंद कर देते। वह तो बिजली बंद कर अंधेरा करने के लिए तैयार बैठे थे। यही नहीं दुकानों के बाहर लगे बोर्ड और ग्लो साइन बोर्ड भी जगमगा रहे थे। दूसरी तरफ आस-पास के लोग यह कहते नजर आए कि दुकानदारों ने एसओपी का पालन नहीं किया। अब जरूरी है कि दुकानदारों को जागरूक किया जाए। वार रूम को सक्रिय रखने की जरूरत टाउन हॉल स्थित नागरिक सुरक्षा विभाग के वार रूम में सभी व्यवस्थाएं हैं। सारे इनपुट भी यहां आते हैं। इसे चलते वार रूम को सक्रिय रखने की जरूरत है। हालांकि नागरिक सुरक्षा विभाग के कर्मचारियों की यहां पर ड्यूटी तो है, लेकिन कंट्रोल रूम के फोन नंबरों पर भी 24 घंटे या तीन शिफ्ट में किसी की ड्यूटी नहीं लगाई गई है। अधिकारियों का कहना है कि तैयारी पूरी है। जरूरत पड़ने पर 24 घंटे की शिफ्टवार ड्यूटी भी शुरू करा दी जाएगी। अधिकारी कहते हैं कि अगली बार यह चूक नजर नहीं आएगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है मेरठ समारिक दृष्टि से देखा जाए तो मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण शहर है, यहां पश्चिम उत्तर प्रदेश सब एरिया का सैन्य मुख्यालय है। मेरठ करीब 10 जिलों की सामरिक शक्ति का केंद्र है। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के समय भी मेरठ मुख्य केंद्र था। वहीं कारगिल युद्ध के दौरान भी मेरठ से सैन्य गतिविधियां संचालित हुई थी। मेरठ में सेना के फौजी स्वान और घोड़ों का प्रशिक्षण केंद्र आरवीसी भी है। यहां रक्षा लेखा नियंत्रक (सीडीए) का पश्चिम उत्तर प्रदेश का मुख्यालय भी है।
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