मेरठ : हस्तिनापुर के 40 परिवारों ने दी संसद के सामने आत्मदाह की चेतावनी
Meerut News - हस्तिनापुर के जलालपुर जोरा गांव के 40 दलित परिवारों ने जमीन कब्जाने के मामले में संसद के सामने सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। आरोप है कि गांव के दबंग चकबंदी...

मेरठ/हस्तिनापुर। हस्तिनापुर के जलालपुर जोरा गांव के दलित समाज के 40 परिवारों ने दबंगों द्वारा जमीन कब्जाने से परेशान होकर संसद के सामने सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। डीएम ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। गंगा किनारे बसे जलालपुर जोरा निवासी दलित समाज के लोगों का आरोप है कि उनके गांव के दबंग चकबंदी नहीं होने देना चाहते थे। तत्कालीन डीएम दीपक मीणा के निर्देश पर गांव में चकबंदी के लिए धारा 6 भी कर दी गयी थी लेकिन प्रक्रिया को पूरा नहीं होने दिया। फिर पैमाइश के लिए टीम गठित की गई। जिसमें उनकी 350 बीघा भूमि निकाली गयी। लेकिन डोलबंदी कराने के बाद भी उन्हें संपूर्ण भूमि पर कब्जा नहीं दिलाया गया। इसकी शिकायत उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और एससी-एसटी आयोग से भी की। उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे परेशान होकर दलित समाज के 40 परिवारों ने 27 मार्च को संसद भवन पर सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इनमें विजयपाल सिंह, नरेंद्र, इंदल सिंह, बबलू, सुदंर, निशा, उषा, संतोष, पूनम, ईश्वरी, भोपाल, रेखा, अजब सिंह, बाबू आदि लोग शामिल हैं
ओबीसी को बनाया एससी
उक्त परिवारों का आरोप है कि गांव में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है। सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ओबीसी के लगभग 50 लोगों को एससी में शामिल दर्शाया गया है। वहीं, गांव के मजदूरों से कार्य न कराकर दूरदराज के नंगला चांद, सैफपुर कर्मचंदपुर, लतीफपुर, भीकुंड, सिरजेपुर आदि गांवों के श्रमिकों के खाते में पैसा भेजा गया है। जिसकी शिकायत पीआरओ और एसडीएम मवाना से की पर कार्रवाई नहीं हुई।
भय के कारण गांव में नहीं जाते
उक्त लोगों का कहना है कि वे भय के कारण गांव में नहीं जाते। उनके परिवार कस्बे की मनोहरपुर कालोनी में रहते हैं। एडीओ पंचायत धीर सिंह का कहना है कि शिकायत मिलते ही जांच की जाएगी। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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इनका कहना है.......
गांव जलालपुर जोरा के लोग सोमवार को मिलने आए थे। जमीन पर कब्जे को लेकर शिकायत की है। इस मामले में एसडीएम और डीपीआरओ को जांच का निर्देश दिया गया है। आत्मदाह जैसी कोई बात नहीं की थी। मामले को लेकर प्रशासन गंभीर है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -डा.विजय कुमार सिंह, डीएम, मेरठ
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ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह का कहना है उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उनके द्वारा सभी कार्य बिना किसी पक्षपात या भेदभाव के कराए गए हैं। भूमि संबंधित मामलों से उनका कोई लेना देना नहीं है। वह तहसील प्रशासन की जिम्मेदारी है।
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